नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज दिल्ली स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस सोसायटी की पहली ऑनलाइन जनरल बॉडी मीटिंग की अध्यक्षता की। ये सोसाइटी शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से अपने कामकाज की शुरुआत करेगी। सोसाइटी द्वारा आने वाले वर्षों में दिल्ली में 100 ‘स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस’ की शुरुआत की जाएगी। स्पेशलाइज्ड स्कूल विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) ,हयूमैनिटिज़, विज़ुअल और परफॉर्मिंग आर्ट्स और 21वीं सदी के हाई एन्ड कौशलों के क्षेत्र के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की ज़रूरतों को पूरा करने का काम करेगा। हर ज़ोन में चारों प्रकार के स्पेशलाइज्ड स्कूलों की स्थापना की जाएगी जो कक्षा 9 से 12 तक के होंगे। इस बैठक में 7 सदस्यीय कार्यकारी समिति के गठन की मंजूरी दी गई, जिसमें शिक्षा निदेशक, अतिरिक्त शिक्षा निदेशक, शिक्षा निदेशक के प्रधान सलाहकार सहित अन्य अधिकारी शामिल होंगे। कार्यकारी समिति सोसाइटी के रोजमर्रा के कामकाज के प्रति जिम्मेदार होगी। बैठक में स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में शिक्षकों और प्रशासकों के भागीदारी को लेकर भी चर्चा की गई। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, सोसाइटी के पास विश्वस्तरीय स्कूल तैयार की जिम्मेदारी होगी जहां छात्रों की प्रतिभाओं की खोजने और उन्हें विकसित कर स्पेशलाइजेशन के युग के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, ये स्कूल देश में अपनी तरह के पहले स्कूल होंगे, जहां ये सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी कि छात्रों को स्पेशलाइज्ड एजुकेशन का उच्चतम अवसर प्राप्त हो। गौरतलब दिल्ली कैबिनेट ने 22 मार्च, 2021 को स्कूल ऑफ की स्थापना को मंजूरी दी, जिसके बाद ‘सोसाइटी फॉर डेल्ही स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस को 6 अप्रैल, 2021 को पंजीकृत किया गया। स्पेशलाइज्ड स्कूल विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) ,हयूमैनिटिज़, विज़ुअल और परफॉर्मिंग आर्ट्स और 21वीं सदी के हाई एन्ड कौशलों के क्षेत्र के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की ज़रूरतों को पूरा करने का काम करेगा।