मदरलैण्ड/अररिया
नरपतगंज रेणु की धरती के साहित्यकार गौतम केशरी का द्वितीय पुस्तक नवदीप प्रकाशित हुई। नवदीप में कविता, गजल, गीत, दोहा का संग्रह किया गया है। सभी रचनाओं को संग्रह कर एक ऐसा पुस्तक रचा गया है जो वास्तव में सत्य का दीप हो, एक नवीन समाज की कल्पना करती है रचनाएं ।
एक नया प्रकाश को समाहित करता है, जिससे राष्ट्र के नवपीढ़ी गौरव के शिखर की ओर अग्रसर हो ।
युवा साहित्यकार गौतम केशरी परवाहा, फारबिसगंज के निवासी है। साहित्य में उनका अटूट प्रेम, समर्पण विशिष्ट कार्यकौशल को दर्शाता है। लेखक के पिता का नाम शम्भु केशरी है जो मध्यम व्यापारी है। माता नूतन देवी कुशल ग्रहणी है। वर्तमान में रचनाकर पूर्णिया विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक कर रहे है। पुस्तक में वीररस की भी कविताएं है जो राष्ट्र की अखण्डता और एकता का प्रतीक है। लेखक की पहली पुस्तक दर्पण एक सच रही जिसे सभी ने बहुत सराहा पुस्तक लेखन के द्वारा समाज में एक अलग पहचान बन चुकी है।