कानपुर। अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों से जुड़े नए-नए राज सामने आ रहे हैं। कानपुर शहर के जिन 13 बैंक अकाउंट से टेरर फंडिंग हो रही थी, उनमें नौ ऐसे हैं जिनमें पिछले छह महीने में 32 लाख रुपए का विदेश से लेनदेन भी हुआ। पहले यह जानकारी मिली थी कि इन अकाउंट में 16 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है। सभी खाते सीज कर अब एटीएस की नजर उन छह फरार हवाला कारोबारियों पर है, जिन्होंने आतंकियों की मदद की थी।
एटीएस के सूत्र बताते हैं कि शहर की घनी आबादी में जमीनों की भी डिटेल मिली है। आतंकियों के आर्थिक स्रोतों की जांच कर रही एटीएस को कानपुर में 13 बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली है। एटीएस के मुताबिक विधि विज्ञान प्रयोगशाला हैदराबाद से मिनहाज के जले हुए मोबाइल की डिटेल मिली है। इसके माध्यम से जांच आगे बढ़ी तो सामने आया कि नौ खातों से विदेश में भी लेनदेन हुआ है। यह भी जानकारी मिली कि शहर के छह हवाला कारोबारियों के माध्यम से भी इन आतंकियों तक पैसा पहुंचता था।
सभी हवाला कारोबारियों को चिह्नित कर लिया गया है, लेकिन भनक लगते ही वे भूमिगत हो गए हैं। इससे पहले संदिग्ध आतंकी मिन्हाज और मुशीर को उनके मददगार शकील, मुस्तकीम और मुईद के सामने बिठाकर पूछताछ की गई। आपको बताते चलें कि 11 जुलाई को लखनऊ के काकोरी इलाके से मिन्हाज और मंडियाव इलाके से मुशीर को एटीएस ने एक ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार कर लिया था। दोनों के कब्ज़े से प्रेशर कुकर बम, पिस्टल, चाकू, बारूद बरामद हुआ था। कस्टडी रिमांड के दौरान पूछताछ के बाद दोनों की निशानदेही पर एटीएस ने लखनऊ से शकील, मुस्तकीम और मुईद को गिरफ्तार किया था। इन तीनों पर संदिग्ध आतंकियों को असलहा और बारूद सप्लाई करने का आरोप है।

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