नई दिल्ली। अब रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी न तो हड़ताल कर सकते हैं और न ही किसी तरह का विरोध प्रदर्शन। दरअसल, मोदी सरकार ने बुधवार को एक अध्यादेश जारी किया, जो कि रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल एवं किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है। आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) से जुड़े कई बड़े संघों ने हाल ही में सरकार के ओएफबी को निगम बनाने के फैसले के खिलाफ अगले महीने से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी, जिसको देखते हुए आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 लाया गया है। एक राजपत्रित अधिसूचना के मुताबिक, रक्षा उपकरण के उत्पादन, सेवा और संचालन में शामिल कर्मचारी या सेना से जुड़े किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान के उत्पादन में शामिल कर्मचारियों के साथ ही रक्षा उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव में कार्यरत कर्मचारी अध्यादेश के दायरे में आएंगे। कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, ”कोई भी व्यक्ति जोकि हड़ताल शुरू करता है या ऐसी किसी भी हड़ताल में भाग लेता है जोकि इस अध्यादेश के अंतर्गत गैर-कानूनी है तो उसे एक वर्ष की अवधि तक की जेल या 10000 रुपये जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

Previous articleजाति आधारित दंगे भड़काने की साजिश रच रही है भाजपा: राकेश टिकैत
Next articleसरकारी पैनल से सीरम इंस्टीट्यूट को झटका

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here