पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेज प्रताप यादव को लेकर फिर मुसीबत में हैं। तेज प्रताप राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह तथा तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। उधर, तेजस्वी ने दो-टूक कह दिया है कि पार्टी में अनुशासनहीनता को किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसके बावजूद झुकने को तैयार नहीं, तेज प्रताप ने अब राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के काव्य संग्रह ‘रश्मिरथी’ के तृतीय सर्ग ‘कृष्ण की चेतावनी’ के माध्यम से पार्टी में महाभारत की जंग की अंतिम चेतावनी दे डाली है। खुद को अपने अर्जुन (तेजस्वी यादव) का कृष्ण बताने वाले तेज प्रताप यादव ने राष्ट्रकवि दिनकर की प्रसिद्ध कविता ‘कृष्ण की चेतावनी’ को पोस्ट कर स्पष्ट संदेश दिया है कि वे झुकने को तैयार नहीं हैं। कविता स्पष्ट करती है कि तेज प्रताप ने सुलह की पूरी कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जब मानव का नाश काल आता है, तब उसका विवेक मर जाता है।
कविता के माध्यम से तेज प्रताप ने अब महाभारत के युद्ध की अंतिम चेतावनी दे डाली है। तेज प्रताप ने अपने फेसबुक पेज पर यह कविता पोस्ट की है। इसमें भगवान कृष्ण व दुर्योधन संवाद के तहत उनकी नजर में दुर्योधन कौन है, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। हालिया घटनाक्रम को देखें तो उनका इशारा पार्टी के प्रदेश अघ्यक्ष जगदानंद सिंह की ओर है। जगदानंद सिंह ने तेज प्रताप यादव के करीबी आकाश यादव को छात्र राजद अध्यक्ष पद से हटा दिया है, जिसे तेज प्रताप पर लगाम लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।