भोपाल। राजधानी में हर दिन ऑक्सीजन की मांग बढ़ते जा रही है, क्यों कि रोजाना कोरोना मरीजों की संख्या भी बढती जा रही है। पूर्व में शहर में ऑक्सीजन की प्रतिदिन 40 मीट्रिक टन मांग थी, वह अब बढ़कर 110 मीट्रिक टन से भी ज्यादा पहुंच गई है। इसके पीछे कारण यह है कि राजधानी में तेजी से कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं, जिन्हें हर दिन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। कोरोना कर्फ्यू लागू होने के बाद से अब तक 22 हजार 153 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। इनमें से महज पांच हजार मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, लेकिन इन्हें लगने वाली ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ गई है। सोमवार को भिलाई से 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आने के बाद अस्पतालों को पहुंचाई गई। 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चिरायु को और एम्स को 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा बीएमएचआरसी, जेके व पीपुल्स अस्पताल को भी ऑक्सीजन सप्लाई की गई है। संयुक्त कलेक्टर राजेश गुप्ता ने बताया कि सभी ऑक्सीजन के टैंकर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाए जा रहे हैं। शहर में भी ऑक्सीजन के सिलिंडर बिना किसी रोक के पहुंच रहे हैं। इसके चलते परिवहन तेजी से हो रहा है। हालांकि ऑक्सीजन का संकट तो रहेगा क्यांेकि शहर में अब ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है जबकि इसकी आपूर्ति कम है। शहर में सिर्फ एक प्लांट को छोड़कर ऑक्सीजन के स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए ऑक्सीजन के जो टैंकर आते हैं उसी से जगह-जगह सप्लाई कर दिए जाते हैं। ऑक्सीजन भी यहां नहीं बनती है इसलिए अन्य राज्यों से ही ऑक्सीजन मंगवाई जा रही है। इस बारे में ऑक्सीजन सप्लाई भोपाल के इंचार्ज वरदमूर्ति मिश्रा का कहना है कि हमने ऐसा शेड्यूल तय किया है कि हर चार घंटे में 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का एक टैंकर हमें प्राप्त होता रहे। अगर कहीं रुकावट नहीं होती है और समय पर ऑक्सीजन मिलती है तो ऑक्सीजन की कमी नहीं पड़ेगी।