भोपाल। राजधानी में रविवार को 657 संक्रमित मरीज मिले है। 40 दिन पहले सात अप्रैल को भी 657 मरीज थे। वहीं 4300 सैंपल लिए गए थे। हालांकि रविवार को 4100 सैंपल लिए गए है जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है। इस तरह से देखा जाए तो अब कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इधर, 1412 संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर रवाना हुए है। मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी प्रभाकर तिवारी के अनुसार 8 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के उपचार के दौरान अस्पतालों में हुई है, जबकि शहर में रविवार को 84 संक्रमित देह का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के तहत किया गया है। इसमें से भदभदा विश्राम घाट में रविवार को 57 मृतक देह आई। इसमें से 45 कोरोना देह और 12 सामान्य देह थी। इन 45 देह में से 23 भोपाल की और 22 अन्य जिलों के थे। भदभदा विश्राम घाट में विगत 12 दिनों से कोरोना मृतक देह के अंतिम संस्कार में कमी आई है। इधर, सुभाष नगर विश्राम घाट में 40 देह का अंतिम संस्कार किया गया। इसमें से 24 कोरोना संक्रमित थी। वहीं बैरागढ विश्राम घाट में 10 कोरोना संक्रमित देह का अंतिम संस्कार किया गया। इसी तरह झदा कब्रस्तान में भी 5 संक्रमित शव को सुपुर्द एक खाक किया गया। उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिस्तर खाली होने पर मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना से अनुबंधित कोई भी अस्पताल इलाज से इन्कार नहीं कर सकता है। पात्र होने पर यदि किसी मरीज का निशुल्क इलाज करने से मना किया गया तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह स्पष्ट चेतावनी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कोरोना समीक्षा के दौरान दी। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के अंतर्गत बहुत से अस्पतालों को संबंद्ध किया गया है। इसका मकसद ही यह है कि गरीब और जरूरतमंद को निशुल्क इलाज मिल जाए। इसमें कोताही पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि संक्रमण रोकने के लिए सख्ती करें। अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित होे और पोस्ट कोविड केयर पर भी पूरा ध्यान दिया जाए। पोस्ट कोविड दुष्प्रभाव होने पर होम आइसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में जो मरीज हैं, उन्हेें जरूरत के मुताबिक अस्पतालों में भर्ती किया जाए। बैठक में कोर ग्रुप के सदस्य, जिलों के प्रभारी मंत्री और अधिकारी मौजूद थे।