भारत के राज्य राजस्थान से राज्यसभा की 3 सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनाव को लेकर कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में काफी हलचल बढ़ी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी व वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को कुछ वीडियो व ऑडियो के साथ ही कई ऐसे सबूत भेजे हैं, जिनमें यह बताया गया है कि कौन नेता गहलोत सरकार को गिराने का प्रयास कर रहा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि गहलोत ने सोनिया गांधी व राहुल गांधी को दस्तावेजों के साथ ही कुछ विधायकों के लिखित बयान भी भेजे हैं, जिनमें उन्हे लालच देने की बात कही गई है। इस नेता ने बताया कि भाजपा के साथ ही कांग्रेस के नेताओं के नाम गहलोत ने सभी आवश्यक सबूतों के साथ दिल्ली भेजे हैं। सोनिया गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से बात करके ही गहलोत ने विधायकों को 25 से 35 करोड़ में खरीदने के प्रयासों की जांच राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) व स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को सौंपी थी।
इसके अलावा गहलोत द्वारा भेजे गए सबूतों के बाद ही अचानक आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल, देवेंद्र यादव, काजी निजामुद्दीन, तरूण कुमार, छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टी.एस.सिंहदेव, दीपेंद्र हुड्डा, राजीव सातव एवं मानिक टेगौर को जयपुर भेजा था। वही, अपनी पार्टी के विधायकों के भाजपा में संपर्क में होने की बात पुख्ता होने के बाद गहलोत के आग्रह पर पांडे, सुरजेवाला, सिंहदेव व चारों सचिव पिछले एक सप्ताह से जयपुर में ही रह रहे हैं। ये नेता प्रत्येक विधायक से अलग-अलग मुलाकात कर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। मंत्रियों को भी सुना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार खाघमंत्री रमेश मीणा की सीएम से नाराजगी दूर करने का काम कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल ने किया है। वे प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी है,उनके साथ नीरज डांगी भी मैदान में है।