उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देशव्यापी लॉकडाउन को कारगर बनाने हेतु सभी राज्यों के राज्यपालों और केन्द्र शासित क्षेत्रों के उप राज्यपालों को सुझाव दिया है कि वे विभिन्न धार्मिक नेताओं से भीड़ एकत्र करने वाले आयोजन करने से बचने की लगातार अपील करें ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से प्रभावी रूप से रोका जा सके। नायडू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपालों और उप राज्यपालों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए समीक्षा बैठक में राज्यों के स्तर पर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए किये जा रहे उपायों की चर्चा की। उप राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार नायडू ने राज्यपालों और उप राज्यपालों से कहा कि मौजूदा हालात में इस तरह के आयोजनों से जनहित में परहेज किया जाना चाहिये। उन्होंने राज्यों के प्रशासनिक प्रमुखों से अपील की कि वे धार्मिक नेताओं को ऐसे आयोजन रोकने में हरसंभव मदद करने के लिये प्रेरित करें। उल्लेखनीय है कि हाल ही में दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के आयोजन में विभिन्न राज्यों से हिस्सा लेने आये लोगों में से कई को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। नायडू ने इस घटना का जिक्र करते हुये कहा कि राज्यों में भीड़ एकत्र करने वाले धार्मिक आयोजनों की कतई अनुमति नहीं दी जानी चाहिये। नायडू ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज मैंने राज्यों के राज्यपालों और केंद्र शासित क्षेत्रों के उप राज्यपालों से आग्रह किया कि वे अपने राज्यों में धर्म गुरुओं से संपर्क करें।’’

उन्होंने राज्यपालों एवं उप राज्यपालों से कहा कि वे धार्मिक नेताओं से उनके अनुयायियों से आपस में सुरक्षित दूरी बनाने (सोशल डिस्टेंसिंग) के उपायों का पालन कराने की अपील करें। नायडू ने राज्यपालों और उप राज्यपालों से फसल की कटाई के मौसम का जिक्र करते हुये राज्यों में किसानों के लिए कटाई, कृषि उत्पादों के संग्रहण एवं खरीद प्रक्रिया को सुचारु बनाने की भी अपील की। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों पर हमले की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि संकट की इस घड़ी से उबारने में मदद कर रहे चिकित्साकर्मियों की सेवाओं का देश के प्रत्येक नागरिक को सम्मान करना चाहिये। नायडू ने कहा, ‘‘मैं हाल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुई अक्षम्य हिंसा की निन्दा करता हूं। हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह उन स्वास्थ्य कर्मियों की रक्षा करे जो व्यक्तिगत खतरा मोल ले कर भी संक्रमित रोगियों की सेवा में लगे हैं।’’ उपराष्ट्रपति ने लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुये प्रवासी मजदूरों को भोजन एवं आश्रय सहित अन्य जरूरी सुविधायें मुहैया कराने में जनता से सक्रिय सहयोग करने की भी अपील की।

Previous articleपर्यटकों के लिए सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित कर रहा पर्यटन मंत्रालय
Next articleकोरोना वायरस की रोकथाम के लिये गूगल ने डूडल बनाकर दी जानकारी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here