राज्यसभा में सोमवार को इसके पूर्व सदस्य ए वी स्वामी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन बैठक शुरु होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन को स्वामी के पिछले वर्ष 31 दिसंबर को हुये निधन की जानकारी देते हुये दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि दी। नायडू ने बताया कि 91 वर्षीय स्वामी का ओडिशा में नौपाड़ा जिले में निधन हो गया था।सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्वामी ने राज्यसभा में निर्दलीय सदस्य के रूप में अप्रैल 2012 से अप्रैल 2018 तक ओडिशा का प्रतिनिधित्व किया। नायडू ने कहा कि उनका जन्म 14 जनवरी 1929 को ओडिशा के नवरंगपुर में हुआ था। कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले स्वामी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महज 12 साल की उम्र में बानर सेना के सदस्य बनकर भूमिगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मदद पहुंचाने का काम किया था।
उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया और आजादी के बाद आचार्य विनोबा भावे की अगुवाई में चले सर्वोदय आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। नायडू ने कहा कि स्वामी ने 1961 में तीन स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को लागू करने में भी योगदान किया। नायडू ने उच्च सदन के सदस्य रहते हुये स्वामी के योगदान को सराहनीय बताते हुये कहा कि उनके निधन से देश ने महान स्वातंत्रता सेनानी और अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता खो दिया है। इसके बाद सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर नायडू के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा। इसके बाद नायडू ने हाल ही में दिल्ली में आयोजित एशियन कुश्ती प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर समूचे सदन की ओर से बधाई दी। उन्होंने बताया कि भारतीय खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में विभिन्न श्रेणियों में पांच स्वर्ण, छह रजत और नौ कांस्य पदक जीत कर देश का नाम रौशन किया। उन्होंने बताया कि 18 से 23 फरवरी तक हुयी इस प्रतियोगिता में भारतीय पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों ने कुश्ती में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। नायडू ने कहा कि इन खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन नये खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा का स्रोत बनेगा उन्होंने सभी खिलाड़ियों के भविष्य के प्रति शुभकामनायें व्यक्त की।