भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष रानिंदर सिंह ने भारत में होने वाली निशानेबाजी और तीरंदाजी चैंपियनशिप के पदकों को 2022 बर्मिंघम खेलों की तालिका में जोड़ने के राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के फैसले को सोमवार को एतिहासिक बताया। रानिंदर ने हालांकि साथ ही स्वीकार किया कि यह प्रस्ताव प्रचलित धारणाओं और उदाहरणों के खिलाफ था। सीजीएफ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इन दोनों स्पर्धाओं के पदकों को हालांकि राष्ट्रमंडल खेलों के समापन समारोह के एक सप्ताह बाद अंतिम तालिका में जोड़ा जाएगा। सीजीएफ ने लंदन में 21 से 23 फरवरी तक चली कार्यकारी बोर्ड की बैठक में यह फैसला किया। निशानेबाजी चैंपियनशिप के आयोजन का विचार रखने वाले रानिंदर ने ट्वीट करके कहा, ‘‘यह एतिहासिक फैसला है।

अद्वितीय और अभूतपूर्व घटना जो राष्ट्रमंडल खेल अभियान के भविष्य के लिए शानदार होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह पासा पलटने वाली प्रणाली होगी जहां राष्ट्रमंडल खेल जैसी प्रतिष्ठित बहु खेल प्रतियोगिता की मेजबानी के खर्चे में कटौती के लिए बोली लगाने वाले देशों के लिए ऐसी प्रक्रिया शुरू होगी जिसमें वह कुछ खेलों के लिए अन्य देशों के साथ साझेदारी कर पाएंगे जिससे कि मौजूदा बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल हो सके और नए की जरूरत नहीं पड़े।’’ अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ ने कहा कि खेल को राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया है। वैश्विक संस्था ने कहा, ‘‘बर्मिंघम समिति के निशानेबाजी स्पर्धाओं के आयोजन से इनकार करने के कारण भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ ने आईएसएसएफ के सहयोग से यह जिम्मेदारी संभाली जिससे कि खिलाड़ियों के कोटा और पदक बरकरार रहें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2022 खेलों के कार्यक्रम में निशानेबाजी खेल को शामिल करने के संबंध में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के कार्यकारी बोर्ड के बहुप्रतीक्षित फैसले के लिए हम प्रतिस्पर्धी देशों को बधाई देते हैं।’’ आईएसएसएफ ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि 2026 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’’

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