दशकों से चले आ रहे अयोध्या विवाद का आखिरकार शनिवार को अंत हो गया। उच्चतम न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को रामलला के पक्ष में दे दिया है। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष के लिए विकल्प छोड़ दिया है। कोर्ट ने उनको भी वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया है। रामलला के पक्ष में फैसला आते ही भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने चुप्पी तोड़ दी है।

मुस्लिम पक्ष को मिलेगी 5 एकड़ जमीन
सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिकता के आधार पर राममंदिर विवाद की सुनवाई की थी। लगातार हुई सुनवाई की वजह से ही शनिवार को फैसला आ सका। कोर्ट ने सभी सबूतों और गवाहों को देखते हुए रामलला को विवादित जमीन दे दी। इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दे दिया। केन्द्र सरकार को इस जमीन को देना होगा। जानें क्या बोले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी

स्वामी का बड़ा बयान
अयोध्या में रामलला के पक्ष में फैसला आते ही भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी चुप्पी तोड़ दी। उन्होंने ट्विटर पर बयान देते हुए कहा है कि कोर्ट का ये फैसला उसी समय आया है जब भगवान राम खुद चाहते थे कि वहां पर भव्य राम मंदिर दोबारा बनाया जाए। उनके इस बयान पर लोगों ने भी प्रतिकिया दी। एक यूजर तुषार ने उनसे कहा कि स्वामी जी ने राम मंदिर के लिए ऐतिहासिक संघर्ष किया ​है।

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