नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन को लेकर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने जिस तरह विरोध कर उस पर टिप्पणी की उसे भारत ने अफसोसजनक करार दिया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सीमा पार आतंकवाद में संलिप्त एक देश का यह रुख आश्चर्यजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत के मामलों में दखल देने और साम्प्रदायिकता को शह देने से बचना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पाकिस्तान को भारत के मामलों में हस्तक्षेप करने से दूर रहने को भी कहा। श्रीवास्तव ने कहा, हमने भारत के आंतरिक मामले पर इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान के प्रेस बयान को देखा है। उसे पाकिस्तान भारत के मामलों में हस्तक्षेप करने से दूर रहना चाहिए और साम्प्रदायिक भावना भड़काने से बचना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, यह एक ऐसे देश के संबंध में आश्चर्यजनक नहीं है जो सीमापार आतंकवाद का अनुपालन करता है और अपने ही अल्पसंख्यकों को धार्मिक अधिकारों से वंचित करता है।” उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणी निंदनीय है। इससे पहले, पाकिस्तान ने राम जन्मभूमि पूजन पर कहा कि जहां बाबरी मस्जिद 5 सदियों से खड़ी थी वहां मंदिर बनाए जाने की वह निंदा करता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट के गलत फैसले की वजह से मंदिर निर्माण का रास्ता खुला है। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में रेल मंत्री शेख रशीद ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उसे सांप्रदायिक करार दिया है। रशीद ने एक बयान में कहा- भारत अब राम नगर हो गया है। वहां सेक्युलरिज्म नहीं रहा। इससे पहले, अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया था, उस वक्त भी रशीद ने कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया दी थी। तब रशीद ने कहा था कि भारत में अब हिंदूवादी ताकतें हावी हो गई हैं। पीएम मोदी ने बुधवार को अयोध्या में भूमि पूजन के बाद ऐतिहासिक मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने शुरुआत सियावर रामचंद्र की जय से की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि आज ये जय घोष सिर्फ सियाराम की नगरी में नहीं सुनाई दे रहा, बल्कि इसकी गूंज पूरे विश्वभर में सुनाई दे रही है। सभी देशवासियों और राम भक्तों को कोटि-कोटि बधाई। ये मेरा सौभाग्य है कि राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया और इस पल का साक्षी बनने का अवसर दिया। राम मंदिर पूजन के लिए कई सदियों तक कई पीढ़ियों ने एकनिष्ठ प्रयास किया। आज का दिन उसी तप और त्याग और संकल्प का प्रतीक है। उन्होने आगे कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए जिस मर्यादा का पालन किया जाना चाहिए वैसा ही आज किया जा रहा है। आज भी हम हर तरफ कोरोना वायरस के दौरान अपनाई गई मर्यादा को देख रहे हैं। इतिहास सिर्फ रचा नहीं जा रहा, बल्कि इतिहास दोहराया भी जा रहा है। जिस तरह केवट, वानरों को राम के ध्येय को पूरा करने का सौभाग्य मिला उसी तरह आज करोड़ों लोगों को ये सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। गौरतलब है कि लंबे चले कानूनी संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में देते हुए राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया था। बुधवार को अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वहां की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने हिस्सा लिया। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते ज्यादा लोगों को यहां पर आमंत्रित नहीं किया गया था।

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