मदरलैंड संवाददाता, गोपालगंज।

गोपालगंज। उचकागांव प्रखंड मुख्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर रहने वाले सगीर मियां का परिवार पिछले 4 माह से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत हथुआ अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी किए गए राशन कार्ड रहने के बावजूद भी अब तक राशन पाने से वंचित चल रहा है। बताया जा रहा है कि डीलरों द्वारा उन्हें प्राप्त राशन कार्ड को फर्जी बताकर उन्हें राशन देने से मना कर दिया जा रहा है।बताया जा रहा है कि उचकागांव निवासी गरीब सगीर मियां के परिवार के पास अपनी 5 कट्ठा पैतृक जमीन है। गांव के एक किसान से बंटाई में 5 कट्ठा जमीन लेकर कुल दस कट्ठा में खेती कर अपने परिवार के साथ जीवन यापन किया जाता हैं। राशन कार्ड से वंचित चल रहे सगीर मियां की पत्नी मनीरा खातून के द्वारा वर्ष 2017 में हथुआ अनुमंडल में राशन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। काफी दौड़ लगाने के बाद हथुआ अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जारी राशन कार्ड वर्ष 2019 के दिसंबर माह में उन्हें नसीब हो सका। इसके बाद सगीर मियां के परिवार के लोग अपने गांव के डीलरों के पास राशन पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। परंतु डीलरों द्वारा राशन कार्ड को फर्जी बताकर उन्हें पिछले 4 माह से अब तक राशन उपलब्ध नहीं कराया गया है। जिससे राशन कार्ड उपलब्ध रहने के बावजूद भी सगीर मियां का परिवार अपने हक से वंचित चल रहा है। यह स्थिति तब है जब देश में लागू लॉक डाउन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा सभी राशन कार्ड के लाभूकों को प्रति माह मिलने वाले राशन के साथ साथ अप्रैल,मई और जून माह में पांच पांच किलो चावल और एक किलो प्रति यूनिट मुफ्त दाल देने के लिए आदेश जारी किया गया है और सभी जन वितरण प्रणाली के राशन दुकानों पर राशन उपलब्ध कराया गया है। प्रखंड मुख्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर रहने वाले लाभुक के हकमारी का मामला सामने आने के बाद प्रखंड के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले लाभुकों को मिलने वाले लाभ पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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