नई दिल्ली। देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के तथ्यों को नए सिरे से उद्धाटित करने वाली एक पुस्तक अगले महीने प्रकाशित होने जा रही है। इससे पहले कभी नहीं देखी गई खुफिया रिपोर्टों और पुलिस रिकॉर्ड पर आधारित एक नई किताब एक अक्टूबर को जारी होगी, जिसकी घोषणा प्रकाशक हार्पर कॉलिन्स इंडिया ने की। खोजी पत्रकार अप्पू एस्थोस सुरेश और गेट्स कैम्ब्रिज की शोधार्थी प्रियंका कोटमराजू द्वारा लिखित, “द मर्डरर, द मोनार्क एंड द फकीर” में गांधी की हत्या की परिस्थितियां, उससे जुड़ी घटनाएं और उसके बाद की जांच के बारे में की गई छानबीन को पेश किया गया है। पुस्तक के बारे में बात करते हुए, दोनों लेखकों ने कहा कि यह नए सबूत प्रस्तुत करती है जो पहले के लोकप्रिय विमर्श के खिलाफ जाते हैं। उन्होंने कहा कि यकीनन आधुनिक भारत के सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम, महात्मा गांधी की हत्या का हमारे इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में एक असंगत उल्लेख मिलता है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक राजनीतिक हत्या को हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए इसके तथ्यों को उजागर करने वाले नए सबूतों के संदर्भ में समझने का एक प्रयास है। हार्पर कॉलिन्स इंडिया की कार्यकारी संपादक स्वाति चोपड़ा ने कहा, महात्मा गांधी की हत्या एक नए स्वतंत्र राष्ट्र के लिए एक विनाशकारी घटना थी, जिसकी गूंज आज तक बनी हुई है। ऐसे समय में जब भारत अपनी आजादी के पचहत्तरवें वर्ष का जश्न मना रहा है, यह जरूरी है कि हम देश के सबसे प्रमुख संस्थापकों में से एक की हत्या के पीछे की सच्चाई से पर्दा उटाना की केशिश करें।