नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता कल्याण सिंह के निधन के बाद उनके श्रद्धांजलि समारोह में राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भाजपा के झंडे को रखने को लेकर बवाल मचा है। एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। भाजपा की तरफ से ट्वीट की गई इस तस्वीर में तिरंगे में लिपटा पूर्व मुख्यमंत्री का शव है। इस तस्वीर के आधे हिस्से में शव पर भाजपा का झंडा दिखाई दे रहा है। इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रहे हैं। कई लोग राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर पार्टी विशेष का झंडा रखे जाने पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, कई लोग नैतिकता का हवाला देते हुए मरने वाले की इच्छा का सम्मान बता रहे हैं। संघ और भाजपा के संस्कार मेरे रक्त की बूंद-बूंद में समाए हुए हैं। मेरी इच्छा है कि जीवन भर भाजपा में रहूं और जीवन का जब अंत होना हो तो मेरा शव भी भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लिपटकर जाए। कल्याण सिंह ने यह बात भाजपा में फिर से लौटने के बाद कही थी। ऐसे में कल्याण सिंह के निधन के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा किया। अब जब तिरंगे का अपमान की बात कही जा रही है तो कुछ लोग कह रहे हैं कि मरने वाले की अंतिम इच्छा पूरी की गई है। इसे तिरंगे के अपमान के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सवाल उठाया कि क्या न्यू इंडिया में भारतीय ध्वज पर पार्टी का झंडा लगाना ठीक है? वहीं, यूथ कांग्रेस ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया कि ‘तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने ट्वीट में लिखा कि देश से ऊपर पार्टी। तिरंगे से ऊपर झंडा। हमेशा की तरह भाजपा, कोई पछतावा नहीं, कोई पश्चाताप नहीं, कोई दुख नहीं। टीएमसी नेता सुखेंदू शेखर रॉय ने ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना क्या मातृभूमि का सम्मान करने का नया तरीका है?
रॉय ने ट्विटर पर जो फोटो शेयर की है उसमें बीजेपी के कई नेता दिख दे रहे हैं। इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह दिख रहे हैं।
कांग्रेस के शशि थरूर ने भी इसकी जम कर आलोचना की है। उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रगान के दौरान दिल पर हाथ रखने के चलते उन्हें चार साल तक अदालती मुकदमा लड़ना पड़ा था। उन्होंने आगे लिखा है कि राष्ट्र को ये बताया जाना चाहिए कि सत्तारूढ़ दल इस बारे में कैसा महसूस करता है।
क्या कहती है राष्ट्रीय ध्वज संहिता-
भारतीय झंडा संहिता-2002 को तीन भागों में बांटा गया है। झंडा संहिता भाग 3 की धारा-4 के अनुसार किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा। किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय झंडे के बराबर भी नहीं रखा जाएगा, न ही कोई दूसरी वस्तु उस ध्वज दंड के ऊपर रखी जाएगी, जिस पर झंडा फहराया जाएगा। इन वस्तुओं में फूल अथवा मालाएं व प्रतीक भी शामिल है। इस आधार पर तिरंगे के ऊपर किसी भी ध्वज का रखा जाना संहिता के अनुसार ठीक नहीं है।

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