दिल्ली के प्रबुध्द नागरिकों एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों के सामाजिक संगठन राष्ट्रीय बौद्धिक मंच व्दारा दिल्ली के कई क्षेत्रों में गरीबों की मदद की गई। राष्ट्रीय बौद्धिकमंच राजधानी का जानामाना सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन है जिसके साथ समाज के कई क्षेत्रों के लोग जुड़े है। लॉक-डॉउन के बाद राजधानी के कई हिस्सों में बौद्धिकमंच के कार्यकर्ताओं व्दारा गरीब और बेसहारा लोगों के लिए ताजा भोजन, राशन सामग्री, चिकित्सा सहायता और कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले डॉक्टरों के लिए सुविधाएं प्रदान करने का काम किया गया। दिल्ली के कोटला मुबारकपुर, आयानगर, महिपालपुर, मुनिरका आदि क्षेत्रों में संगठन ने सरकारी संस्था आईआरसीटीसी से ताजा भोजन खरीद कर लोगों के बीच वितरित किया। संगठन अब तक 10750 लोगों को ताजे गरम भोजन के पैकेज उपलब्ध करा चुका है। एवं 125 लोगों के घरों में राशन की किट पहुंचाने का काम भी संगठन ने किया है। संगठन ने लॉक-डॉउन के दौरान प्रतिदिन 1000 लोगों को भोजन पैकेट देने का लक्ष्य रखा था जिसे बढ़ा कर अब 1500 पैकेट प्रतिदिन कर दिया गया है। राष्ट्रीय बौद्धिक मंच से जुड़े लोगों को जब पता चला कि लाल बहादुर संस्कृत महाविद्यालय में बहुत से छात्र संकट में फंसे है तो संगठन ने तत्काल वहां जाकर छात्रों को राहत प्रदान की और उनकी हर संभव मदद कर उनके साथ खड़े होने का वादा किया। संगठन के लोग दिल्ली में चिकित्सा सहायता के लिए परेशान लोगों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने एवं सरकारी पास उपलब्ध कराने में भी मददगार साबित हो रहे हैं। संगठन के लोगों को जब जानकारी मिली कि दिल्ली में चेन्नई ओडिशा और तिरूचिरापल्ली से आए तीर्थ यात्री लॉक-डॉउन के दौरान परेशान है तो संगठन ने फौरन उनके लिए भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था को पूरा किया। इस दौरान संगठन के महासचिव तापस सेन पारिदा, अध्यक्ष संग्राम पटनायक, रोहित सिंह, नृपसिंह पांडा, शैलेन्द्र कुमार, डॉ. सुकुमार मिश्र, हिमांशू बोस, प्रदीप पुहन, डॉ. विश्व भूषण दास, सुभाषिस सामल, जय मोहंती, डॉ.स्वागत राउत और श्रीलाल बारा ने लगातार काम कर लॉक-डॉउन से परेशान गरीब लोगों तक मदद पहुंचाने का काम किया।