नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन पिछले सात महीने से जारी है। किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाया जाए। इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बयान में कहा कि सीधी-सीधी बात है हम सत्याग्रही अन्नदाता के साथ हैं।
आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर किसानों की तादाद एक बार फिर से सड़कों पर बढ़ गई है। भारतीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया था कि 25 लाख किसान और 4 लाख ट्रैक्टर आंदोलन के लिए तैयार हैं। किसान नेता राजेश सिंह चौहान ने बताया कि एक साल से देश में अघोषित आपातकाल लगा है इसके विरोध में हम आज राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपेंगे क्योंकि किसानों का गेहूं मंडियों में सड़ रहा है। गौरतलब है कि किसानों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा बढ़ा दी है। किसान आज देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ राज्यपालों को ज्ञापन सौपेंगे।

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