- शहर में लगातार रफ्तार पकड़ रहा संजय अरोड़ा का प्रचार
रुड़की! रुड़की के सियासी रण में भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष संजय अरोड़ा फिलहाल सबसे मजबूत दावेदार बने हैं! हालांकि 2017 में भी उनकी दावेदारी और जनता पर पकड़ मजबूत रही, लेकिन उस समय पार्टी के आला नेताओं के आश्वासन पर उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए थे! अब वह कदम पीछे खींचने को कतई तैयार नहीं है! शायद यही वजह भी है कि शहर में लगातार उनका और उनकी टीम का जनसंपर्क भी जारी है! जानकारों की माने तो संजय अरोड़ा अपने समाज के साथ ही दूसरे वर्गों में भी लगातार बने हुए हैं! पंजाबी कल्याण महासभा, टीम जीवन, रुड़की विकास मंच, समर्पण जन कल्याण समेत कई सामाजिक संगठन भी उन्होंने चला रखे हैं! इसके अलावा कोरोना से बचाव को लेकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में उनके द्वारा लगातार लगवाए जा रहे वैक्सीनेशन शिविरों से भी जनता में उनके पकड़ मजबूत हुई है! सुंदर कांड का पाठ और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों से भी जनता में उनके प्रति अच्छा संदेश गया है! राजनीतिक जानकार बताते है कि फिलहाल जमीन पर संजय अरोड़ा की पकड़ सबसे मजबूत बनी है! जिसे लेकर भाजपा के दूसरे दावेदारों में खासी हलचल भी देखी जा रही है! ऐसे में अब देखने वाली बात यह भी होगी कि 2022 के सियासी रण में भाजपा किसे अपना चेहरा बनाती है! फिलहाल 2022 के रण को लेकर रुड़की में दंगल पूरी तरह से सज चुका है! इंतज़ार है तो बस रण में लड़ाकों के उतरने का! उधर इस बाबत संजय अरोड़ा का कहना है कि वह भाजपा के सच्चे सिपाही है! उनकी सोच हमेशा से भाजपा की रही है! 2017 में भी उनकी पार्टी से टिकट की दावेदारी थी, लेकिन उस समय बड़े नेताओं के आश्वासन पर उन्होंने पार्टी के लिए अपने कदम पीछे खींच लिए थे! इस बार उन्हें अपनी पार्टी पर भरोसा है! पार्टी पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं की जरूर सोचेगी! रुड़की के विकास को लेकर भी संजय अरोड़ा के पास कई प्लान है! बतौर संजय अरोड़ा रुड़की में सबसे बड़ी ड्रैनेज की समस्या है, जिसे लेकर कोई जनप्रतिनिधि आज तक काम नहीं कर सका है! दूसरा शहर में आज तक पार्किंग की समस्या बनी हुई है! उन्हें मौका मिलता है तो इसे लेकर पूरा रोड़ मैप तैयार किया जाएगा! इसके अलावा नहर पटरी का सौंदर्यकरण, बोटिंग की व्यवस्था, किनारों पर मार्केट बनाकर रुड़की को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है! युवाओं और गरीब परिवारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं! संजय अरोड़ा का कहना है कि रुड़की शिक्षा की नगरी है, लेकिन यह भी दुर्भाग्य है कि आईआईटी के अलावा यहां राज्य स्तर दूसरे सरकारी कालेज नहीं बन सके है, जिसमें बालिकाएं या गरीब परिवारों के बच्चे तैयारी कर सके! उन्हें मौका मिलता है तो वह इस दिशा में कदम बढ़ाएंगे! इसका पूरी कार्य योजना उन्होंने पहले से तैयार की हुई है!