लंढौरा! कस्बा क्षेत्र झोला छाप डॉक्टरों और अस्पतालों का गढ़ बनता जा रहा है। और लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा हैं। वहीं झोला छाप डाक्टर अपना गौरखधंधा आपको बता दें।दो दिन पहले एक अस्पताल में डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मृत्यु हो गई थी।जिसको लेकर झोलाछाप और फर्जी अस्पताल के खिलाफ परिजनों ने हंगामा काटा था। जिससे फर्जी अस्पताल अखबार की सुर्खियां बन गया था। बताया गया है! लंढौरा बस स्टैंड के पास वाली कालोनी में एक फर्जी तरीके से अस्पताल चला रखा है। झोला छाप डॉक्टरों के चक्कर में आकर लोग अपनी जान गवां चुके हैं। और स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जिससे कस्बे की भोली भाली जनता इनके झांसे में आकर अपनी जान तक गवां बैठे हैं। कस्बे में चारो ओर झोला छाप डॉक्टर ही बैठे दिखाई देते हैं। और तो और कुछ झोला छाप डॉक्टरों ने तो बिना डिग्री के ही बड़े बड़े बोर्ड हस्पिटल के लिख कर लगा रखे हैं। बिना डिग्री के अस्पतालों द्वारा लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटा जा रहा हैं। और स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना हुआ हैं। इन अस्पतालों में न तो अनुभवी डॉक्टर और ना ही अनुभवी नर्स लेकिन हर बिमारी का इलाज किया जा रहा है। गरीब लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटा जा रहा है। और झोला छाप डॉक्टरों की दिन पर दिन बढ़ोतरी होती जा रही हैं। बिना डिग्री के इन अस्पतालों में मरीजों को भर्ती की सुविधा भी दी जा रही हैं ।और महिलाओं की डिलीवरी भी कराई जा रही हैं। जिससे आये दिन लोग झोला छाप डॉक्टरों के चक्कर में आ कर अपनी जान गवां रहे हैं। और जब मरीज की तबीयत बिगड़ जाती हैं। तो दूसरी जगह सिफ्ट कर देते हैं। लंढौरा व आसपास के गांवों में झोला छाप डॉक्टरों की भरमार है। अभी तक स्वस्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।इस सम्बन्ध में सीएमओ खरेंदर सिंह का कहना हैं। कि शीघ्र ही झोला छाप डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके ख़िलाफ़ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।