इन्दौर। प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण के कारण जहां एक तरफ लोगों में भय की स्थिति उत्पन्न हो रही है वहीं दूसरी तरफ इन्दौर जिले के एमवाय अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों में से रोज 15 मरीजों का ऑपरेशन किया जाकर उन्हें इस घातक बीमारी से राहत मिल रही है। इन्दौर जिले के एमवाय अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिये बनाये गये स्पेशल वार्ड में दिये जा रहे बेहतर उपचार का ही नतीजा है कि अस्पताल के प्रति मरीजों और उनके परिजनों का विश्वास अधिक मजबूत हुआ है। एमवाय अस्पताल में मई के पहले सप्ताह में वार्ड नंबर 28 को ब्लैक फंगस वाले मरीजों के लिये रिजर्व करते हुए 15 बेड आरक्षित किये गये थे। लेकिन कुछ ही समय में देखा गया कि इन्दौर सहित आसपास के जिलों से भी इस बीमारी से संक्रमित मरीज अपना इलाज कराने के लिये एमवाय अस्पताल आने लगे। स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने एमवाय अस्पताल में तीन सौ बेड ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिये आरक्षित किये। इसके साथ ही ब्लैक फंगस के उपचार हेतु जरूरी संसाधन एवं दवाइयाँ जैसे एम्फोटेरेसिन बी के इंजेक्शन की आपूर्ति भी सुनिश्चित की गई। इन्हीं अथक प्रयासों के फलस्वरूप एमवाय अस्पताल में भर्ती 344 मरीजों में से अब तक 202 मरीजों के ऑपरेशन किये जा चुके हैं। जिनमें से 84 मरीज पूर्णत: स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट चुके हैं।
एमवाय अस्पताल अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर बताते हैं कि ब्लैक फंगस के अधिकांश मरीजों की केस हिस्ट्री में पहले उनका कोरोना संक्रमित होना पाया गया है। उन्होंने कहा कि जो मरीज कोरोना से ठीक हो गये हैं या शुगर पेसेंट व्यक्ति कोरोना संक्रमित होते हैं तो उन्हें कम से कम 6 सप्ताह सही तरीके से मास्क का उपयोग करना चाहिये। ऐसे व्यक्तियों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलना चाहिये। उन्होंने कहा कि यदि शुरूआती लक्षण पर ही मरीज और उसके परिजन सतर्क हो जायें तथा घरेलू उपचार की अपेक्षा डॉक्टर से सम्पर्क कर लें तो ब्लैक फंगस का सफल उपचार संभव हो सकता है।

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