नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति को लेकर राज्यसभा में बयान देंगे। रक्षा मंत्री कार्यालय की तरफ से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई है। कल लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी भारत-चीन बॉर्डर की स्थिति को लेकर सदन में सवाल पूछे थे और रक्षा मंत्री से इस आशय में जवाब मांगा था। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बुधवार को बयान जारी कर कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत ने अग्रिम मोर्चे से जवानों की वापसी शुरू कर दी है। रक्षा मंत्री के बयान को भी इसी संदर्भ में संभावित माना जा रहा है। चीन के बयान पर सेना की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। माना जा रहा है कि संसद सत्र चल चालू होने के कारण रक्षा मंत्री इस मुद्दे पर संसद में विस्तृत बयान जारी कर देश को स्थिति से अवगत कराएंगे। वहीं, चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया। भारतीय पक्ष की ओर से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं आई है।चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया। उनके इस बयान से संबंधित खबर चीन के आधिकारिक मीडिया ने साझा की है। पिछले दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिए। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि सेना के कमांडर अब तक नौ दौर की वार्ताएं कर चुके हैं। हमें लगता है कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन इसे समाधान के तौर पर नहीं देखा जा सकता। जमीन पर इन वार्ताओं का प्रभाव दिखाई नहीं दिया है। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल अपने-अपने समकक्षों से बात की थी और इस बात पर सहमति बनी थी कि कुछ हिस्सों में सैनिकों को पीछे हटना चाहिए।

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