नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव कम होता नहीं दिख रहा है। वहीं चीन की ओर से सैनिकों की तैनाती और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास निर्माण कार्य जारी है। खबर है कि चीनियों ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में चारडिंग नाला के पास भारत की तरफ तंबू गाड़ दिए हैं। इन तंबुओं में जो लोग रह रहे हैं, उन्हें सामान्य चीनी नागरिक बताया जा रहा है, लेकिन वे चीनी सेना के प्रशिक्षित जवान हैं। भारतीय सेना ने उन्हें वापस जाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन वे गए नहीं हैं।
उन्होंने भारत की ओर टेंट लगाए हैं। डेमचोक में पहले भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमना-सामना हो चुका है। 1990 के दशक में भारत-चीन संयुक्त कार्य समूहों (जेडब्ल्यूजी) की मीटिंग में दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि डेमचोक और ट्रिंग हाइट्स एलएसी पर विवादित प्वाइंट हैं।
भारत-चीन सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति को कम करने के लिए सैन्य स्तर की वार्ता दोबारा शुरू होगी। दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर के बारहवें दौर की बातचीत 26 जुलाई यानि आज के दिन होनी थी। हालांकि भारत की ओर से इस तारीख को बदलकर दूसरे दिन बात करने के लिए कहा गया। भारतीय सेना आज कारगिल विजय दिवस मना रही है। सूत्रों की मानें तो अब कोर कमांडर स्तर की वार्ता अगस्त के पहले सप्ताह में होने की संभावना है।
इस मामले से अवगत अधिकारी का कहना है कि कोर कमांडर स्तर पर बातचीत में देरी के बावजूद, दोनों पक्ष हॉटलाइन पर लगातार संपर्क में हैं। गतिरोध शुरू होने के बाद से, दोनों पक्षों ने दौलत बेग ओल्डी और चुशुल में हॉटलाइन पर लगभग 1,500 बार संदेशों का आदान-प्रदान किया है। सूत्रों का कहना है कि बातचीत इसलिए आगे नहीं बढ़ सकी, क्योंकि भारत पहले टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी चाहता है। वहीं चीन सिर्फ सैनिकों की संख्या घटाने पर राजी है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक फिलहाल स्थिति यथावत है, लेकिन अभी 2019 में जैसा था वैसी नहीं है। हालांकि पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर है। फरवरी के बाद से चीन की ओर से न तो कोई उल्लंघन किया गया है और न दोनों सेनाओं के बीच कोई आमना-सामना हुआ है। अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्षों के सैनिक वर्तमान में कुछ भी नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों में विश्वास की कमी के कारण दोनों देशों के लगभग 50 हजार सैनिक इन इलाकों में तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि चीन पूर्वी लद्दाख में अपने सैनिकों की गतिविधि बढ़ा रहा है और बहुत तेज गति से सैन्य बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। सूत्रों के अनुसार गहराई वाले इलाकों में चीनी सैनिकों के लगभग चार डिवीजन जी-219 राजमार्ग पर तैनात हैं, जो अक्साई चिन से होकर गुजरता है।
भारत की ओर से भी बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के साथ ही साथ सैन्य ताकत बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि सभी महत्वपूर्ण जगहों पर भारतीय सैनिक तैनात हैं। यदि चीन कैलाश रेंज की ऊंचाइयों वाली जगहों पर फिर से कब्जा करने की कोशिश करता है, तो हम कहीं और जाएंगे। एक स्पष्ट संदेश दिया गया है कि यदि उनकी ओर से कोई कोशिश होगी ऐसी तो भारत का अगला कदम कहीं बढ़कर होगा।