नई दिल्ली । भारत और ताइवान की सांकेतिक निकटता भी चीन को रास नहीं आ रही है। ऐसे में ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर ताइवान की ओर से भारतीयों को लेकर जताया गया विशेष प्रेम चीन को और चिढ़ाने का काम करेगा। राजनयिक संबंध न होने के बावजूद ताइवान के साथ भारत का काफी दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण संबंध है। ताइवान भारतवासियों के प्रेम से बेहद खुश है। ताइवान का राष्ट्रीय दिवस है। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने ट्वीट कर कहा है कि ताइवान का राष्ट्रीय दिवस मनाने में भारत के कई दोस्त शामिल होने के लिए तैयार हैं। इस अद्भुत समर्थन ने हमारे दिल को छुआ है। इसके लिए धन्यवाद। उन्होंने कहा, जब मैं कहता हूं कि मैं भारत को पसंद करता हूं तो वास्तव में करता हूं। गौरतलब है कि ताइवान ने इसके पहले राष्ट्रीय दिवस को लेकर भारतीय अखबारों में विज्ञापन दिए। अखबारों में छपे इन विज्ञापनों को लेकर चीन ने नाराजगी जाहिर की। भारत ने चीन को जवाब देते हुए कहा था कि यहां स्वतंत्र प्रेस है जो खुद तय करता है कि उसे क्या छापना और दिखाना है। चीन के कदम पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने ट्वीट किया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां पर मीडिया को पूरी आजादी है। ऐसा लग रहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी यहां भी सेंसरशिप लगाना चाहती है, लेकिन चीन को ताइवान के भारतीय दोस्त एक ही जवाब देंगे ‘गेट लॉस्ट। भले ही नई दिल्ली का ताइपे के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच घनिष्ठ व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। यह विवाद ऐसे समय में आया है जब सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध नहीं चल रहे हैं।

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