मदरलैंड संवाददाता, देवघर
लाॅक डाउन में खाली समय के सदुपयोग को लेेकर उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए अपना पूरा समय मोबाइल फोन पर ही न नष्ट करें। नयी चीजों को जानने और सीखने के साथ प्रकृति और इंसानों के बीच के दूरी को कम करने का प्रयास करे। लॉक डाउन की वजह से सभी स्कूल, कॉलेज, व्यवसायिक प्रतिष्ठान आदि बन्द हैं। ऐसे में काफी लोग अपने खाली समय का सदुपयोग अपने घर के कामों आदि के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसी कड़ी में दूसरों के लिए प्रेरणात्मक कार्य बचपन प्ले स्कूल, की डायरेक्टर रूपाश्री द्वारा अपने स्कूल किचन गार्डन में खुद से जैविक खाद का निर्माण कर पौधों के संवर्धन हेतु उसका उपयोग किया जा रहा है। इस हेतु उनके द्वारा गाय के गोबर के उपले, सूखी पत्तियां आदि का उपयोग कर घर पर हीं जैविक खाद बनाया जा रहा है एवं अपने किचन गार्डन में लगे पौधों के संवर्धन हेतु उसका उपयोग किया जा रहा है। सिर्फ इतना हीं नहीं इनके द्वारा अन्य महिलाओं को भी जैविक खाद निर्माण की तकनीक बताते हुए उन्हें किचन गार्डन में जैविक खाद का प्रयोग करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है, जो वाकई सराहनीय है।
उपायुक्त द्वारा आगे जानकारी दी गयी कि पौधों के वृद्धि एवं बेहतर संवर्धन हेतु जैविक खाद ज्यादा उपयोगी है। इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा दें। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में देवघर के कुछ कृषक जैविक खाद के प्रयोग व इसके लाभ के प्रति जागरूक होकर खुद से जैविक खाद बना रहे है एवं अपने खेतों में इसका प्रयोग कर रहे हैं, जिसका अच्छा परिणाम देखने को मिल रहा है। इसके तहत कृषकों द्वारा मिट्टी, गोबर, नीम पत्ता व अन्य पत्तों के मिश्रण का उपयोग कर जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है एवं वे अपने खेतो में रसायनिक खाद के जगह स्वयं से निर्मित जैविक खाद का उपयोग कर अपने फसलों के उपज को दुगुना कर रहे है। इससे बाजार से रसायनिक खाद खरीदने के झंझट से छूटकारा तो मिल ही रहा है साथ हीं ऑर्गेनिक खाद के निर्माण हेतु इन्हें काफी कम पैसे भी खर्च करने पड़ रहे है।
■ जैविक खाद बड़े काम की चीजः उपायुक्त….
उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय ने कहा कि हम सभी की यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि हम आधुनिक व जैविक खेती पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से काफी अहम है एवं इससे पौधों का विकास व संवर्धन भी काफी अच्छे तरह से होता है। जिला प्रशासन द्वारा किसानों की सुविधा को देखते हुए समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन कर आधुनिक व जैविक खेती के अधिक से अधिक उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता रहा है, ताकि आर्गेनिक कृषि को बढ़ावा मिल सके।
इसके अलावा उपायुक्त ने लोगों से किचन गार्डन में लगे पौधों के विकास हेतु जैविक खाद का उपयोग कर पर्यावरण को अनुकूल बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि लोग अपने किचन गार्डन व खेतों में जैविक खाद का अधिक से अधिक उपयोग करें एवं यदि लोग चाहे तो इसे अपने व्यवसाय के रूप में भी शामिल कर सकते हैं। इसके तहत जैविक खाद का निर्माण कर उसकी अच्छे से पैकिंग कर विक्री की जा सकती है। इससे लोग अपना स्वरोजगार तो कर हीं सकेंगे साथ हीं दूसरे लोगों को भी फायदा होगा एवं वे सस्ते दामों में जैविक खाद का क्रय कर उसे अपने खेतों अथवा किचन गार्डन में उसका प्रयोग कर सकेंगे। साथ हीं उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी जानकारियों और इससे होने वाले फायदों के बारे में अधिक से अधिक लोगों को अवगत कराया जाए, ताकि लोग जैविक खाद के प्रयोग व इसके लाभ के प्रति जागरूक हो सकें।