सोमवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि आर्थिक और तकनीकी मोर्चे पर देश ने महत्वपूर्ण कामयाबी अर्जित की है, लेकिन जाति, समुदाय और लिंग के आधार पर भेदभाव के बढ़ते मामले बड़ी चिंता का कारण हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत भेदभाव खत्म किया जाना समय की जरूरत है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राज्य की राजधानी से 45 किलोमीटर दूर शिवगिरि मठ में 87वें शिवगिरि श्रद्धालु सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश से जाति व्यवस्था खत्म होनी चाहिए और भविष्य का भारत जातिविहीन और वर्गविहीन होना चाहिए। उन्होंने गिरजाघरों, मस्जिदों और मंदिरों के प्रमुखों से जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव को खत्म करने के लिए काम करने को कहा।

अपने बयान में नायडू ने कहा कि मठ के संस्थापक श्री नारायण गुरु महान संत और क्रांतिकारी मानवतावदी थे, जिन्होंने जाति व्यवस्था और अन्य विभाजनकारी प्रवृत्ति को खारिज किया. उन्होंने कहा कि भारत को आर्थिक और तकनीकी मोर्चे पर महत्वपूर्ण कामयाबी मिली है, लेकिन देश में कुछ ऐसे हिस्से हैं जहां सामाजिक बुराइयां विद्यमान हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हम अशांति के समय में रह रहे हैं। जाति, समुदाय और लिंग के आधार पर भेदभाव बढ़ना बड़ी चिंता का कारण है। हम सबको आत्मविश्लेषण करना होगा और व्यावहारिक कदम उठाना होगा। इस मौके पर केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और राज्य के मंत्री के. सुरेंद्रन मौजूद थे।

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