मदरलैंड संवाददाता , सहरसा
बिहार में कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है।पड़ोस के मधेपुरा जिले में इस संक्रामक वायरस ने दस्तक दे दी है। राज्य के बढ़ते ग्राफ के साथ जिले में सनसनी बढ़ती जा रही है। प्रशासन इसे रोकने के लिए हर संभव उपाय करने में लगा है। यहां तक कि जिले की सीमाएं तक सील कर दी गई है। लेकिन कपड़ा व्यवसाई, रेडिमेड की दुकान वाले व्यवसायिक लॉकडाउन नियम को मानने को तैयार नहीं है। प्रशासन यदि डाल-डाल चल रहा है तो यह व्यवसाई पात पात चल रहे हैं। रोज सुबह इनका व्यवसाय शुरू हो जाता है और पुलिस के सड़क पर उतरने से पहले इनकी दुकानों के शटर डाउन हो जाते हैं। खरीदारों ने बताया कि थोक विक्रेता दिन में अपने ग्राहकों को फोन पर लिस्ट तैयार करता है। उन्हें वाहन के साथ अपने आने का समय बता दिया जाता है। रात में सामानों की पैकिंग होती है और अगले सुबह उन्हें डिलीवरी कर दिया जाता है।खरीदार अपने साथ लाए ऑटो रिक्शा को इधर-उधर लगवा देते हैं। जैसे ही थोक विक्रेता का फोन आता है वाहन को बुला सामान लोडिंग करा दी जाती है। अधिक सामान ऑर्डर पर आवश्यक सामग्री की सेवाएं ली जा रही है। शहर के मारूफगंज, श्री दुर्गा रोड़,महावीर चौक, सहित सारी रेडीमेड एवं अन्य कई सामग्रियों का थोक बाजार भी है। इन सभी सामग्रियों को गैर जरूरी सामान की श्रेणी में रखते बंद रखने का आदेश दिया गया था। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में यह एक दो दिन बंद भी रहे। लेकिन कई व्यवसायियों ने अपना कारोबार बदस्तूर जारी रखने का नया तरीका इजाद कर लिया हैं। उन्होंने अपनी दुकानदारी की
समय में बदलाव कर दी है अब सुबह 4:00 बजे से 8:00 बजे तक इन सभी बाजारों में खूब ही बिक्री रहती है ।खरीदने वाले और बेचने वालों से पूरा बाजार गुलजार रहता है। वहीं दुकानें खुलने की सूचना पर पहुंचे दरोगा द्रवेश कुमार दुकानदारों को सख्त हिदायत देते हुए कहा अब लॉकडाउन के दौरान दुकानें खुली तो संबंधित दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज कर लिया जाएगा ।