लॉकडाउन में छूट देना कोरोना संक्रमण के लिहाज से काफी भारी पड़ता नजर आ रहा है। ऐसे में अस्पतालों की ओर से बरती जा रही लापरवाहियां भी सामने आ रही हैं। कुछ मरीजों को अस्पताल में इलाज मिल पा रहा है तो कई मरीज इलाज के लिए तरसते ही रह जाते हैं। इस बीच देश के प्रमुख शहरों में अस्पतालों से ऐसे मरीजों के साथ लापरवाहियां भी उजागर हो रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कहीं पर मरीज को ठीक तरह से इलाज नहीं मिल पा रहा है तो कहीं मरीज की रिपोर्ट आए बिना उसे वापस भेज दिया जा रहा है। कहीं पर तो कोरोना फ्रंट लाइन वॉरियर्स को भी प्रॉपर तरीके से इलाज नहीं मिल पा रहा है। सबसे हैरान करने वाली लापरवाही तो मुंबई के जलगांव से सामने आई। यहां एक 82 साल की बुजुर्ग महिला कोरोना से पीड़ित थीं, वो जलगांव के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुईं। एक दिन वो उस बेड से गायब हो गई, मामला पुलिस के पास पहुंचा, पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली। 9 दिन तक उनकी खोज की गई, अब 9 दिन के बाद उनका शव उसी अस्पताल के बाथरूम में मिला, इसका पता चलने के बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आ गई।
इसके अलावा मुंबई में कोरोना वायरस से पीड़ित 82 वर्षीय साल की महिला एक सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, भुसावल की रहने वाली महिला 27 मई को कोरोना पॉजिटिव पाई गई, उन्हें बाद में जलगांव सिविल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. उक्त महिला दो जून तक अस्पताल के वार्ड में देखी गई, फिर अचानक गायब हो गई। एक-दो दिन तलाश करने के बाद अस्पताल प्रशासन व परिवार ने स्थानीय जिलापेठ पुलिस को वृद्धा के गायब होने की सूचना दी। वही, जिलापेठ पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक अकबर पटेल के मुताबिक पुलिस ने महिला की तलाश शुरू कर दी थी। पुलिस ने सिविल अस्पताल में भर्ती सभी रोगियों का रजिस्टर देखा, सीसीटीवी फुटेज देखी गई। उसके बाद छह जून को वृद्धा के गायब होने की एफआइआर दर्ज कर ली गई। पटेल के अनुसार, बुधवार को अस्पताल में कुछ दुर्गंध महसूस की गई, तो पूरे अस्पताल की फिर से तलाशी शुरू हुई। तब अस्पताल के ही एक शौचालय में वृद्धा का शव बरामद किया गया।