नई दिल्‍ली। कांग्रेस की अतंरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी जल्‍द ही लोकसभा में पार्टी की नेता का बदलाव करने जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि अधीर रंजन चौधरी को पद से हटाकर किसी दूसरे नेता को लोकसभा में पार्टी के नेता की बागडोर सौंप सकती हैं। चौधरी को हटाने के कदम को कांग्रेस द्वारा तृणमूल कांग्रेस के साथ तालमेल बनाने और बीजेपी के खिलाफ अभियान का समन्वय करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अधीर रंजन चौधरी बहरामपुर से सांसद हैं। वह विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का चेहरा थे और राज्‍य कांग्रेस के प्रमुख हैं। चौधरी कांग्रेस नेताओं के जी-23 समूह के बड़े आलोचक हैं। जब इन नेताओं ने संगठन में बड़े बदलावों के लिए सोनिया गांधी को पिछले साल अगस्‍त में पत्र लिखा था तो अधीर रंजन चौधरी नेतृत्‍व के साथ खड़े थे। वह संसद में पब्लिक अकाउंट कमेटी के चेयरमैन भी हैं।
सूत्रों के अनुसार एक ओर जहां कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों में वामदल के साथ गठबंधन करके तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्य रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करने से परहेज किया था और उनकी जीत का स्वागत किया था। अधीर रंजन चौधरी ममता बनर्जी और उनकी सरकार के आलोचक थे। कांग्रेस ने वास्तव में कई मौकों पर विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी का साथ दिया है। चौधरी को हटाना शायद कांग्रेस द्वारा यह सुनिश्चित करने का एक प्रयास है कि संसद में तृणमूल कांग्रेस के साथ समन्वय बिना किसी बाधा के हो। सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ अपनी जोरदार लड़ाई को बड़े पैमाने पर संसद तक ले जाने के लिए कमर कस रही है। सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से संपर्क कर राष्ट्रपति से संपर्क कर सकती है। बड़ा सवाल यह है कि निचले सदन में कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में चौधरी की जगह कौन लेगा। लोकसभा में कांग्रेस नेता बनने की रेस में सबसे आगे तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर और आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी हैं। ये दोनों 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र के हस्ताक्षरकर्ता भी हैं। हालांक‍ि यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में 52 सदस्यीय कांग्रेस टीम का नेतृत्व करने के इच्छुक होंगे या नहीं। सूत्रों के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह मनीष तिवारी को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। अगर कांग्रेस लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में थरूर या तिवारी को नियुक्त करती है, तो इसे कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल की संभावित वापसी से पहले गांधी परिवार द्वारा एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में देखा जाएगा।

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