केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पेश कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा है कि यह बिल भारत में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। वहीं, सियासी रूप से संवेदनशील इस विधेयक को लेकर विपक्ष की तरफ से विरोध के स्वर उठ रहे हैं। AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि, यदि सदन में नागरिकता संशोधन बिल पास होगा तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में AIADMK
उधर, AIADMK नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में आई है। आपको बताते जाए कि AIADMK के राज्यसभा में 11 सदस्य हैं। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पार्टी के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन किया। इससे पहले, शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा है कि अवैध नागरिकों को देश से बाहर निकालना चाहिए और शरणार्थी हिंदुओं को भारत की नागरिकता देनी चाहिए। किन्तु उन्हें कुछ समय के लिए वोटिंग का अधिकार नहीं देना चाहिए। क्या कहते हो अमित शाह? और कश्मीरि पंडितों का क्या हुआ, क्या 370 हटने के बाद वो वापस जम्मू-कश्मीर में पहुंच गए?

ओवैसी ने किया बिल का विरोध
वहीं, नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने गृह मंत्री अमित शाह की तुलना हिटलर से कर दी। इसके बाद लोकसभा में भाजपा सांसदों ने जमकर हंगामा किया। इससे पहले लोकसभा में गृह मंत्री ने जैसे ही आज नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया, विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। इस पर अमित शाह ने खड़े होकर स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह अभी बिल पेश कर रहे हैं और विपक्षी सांसदों के एक-एक सवालों का जवाब देंगे, तब आप वॉकआउट मत कीजिएगा। शाह ने यह भी कहा कि यह बिल 0.001 फीसद भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।

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