केंद्र की मोदी सरकार देश में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण से सम्बंधित बिल संसद में लाने जा रही है। मंत्रिमंडल ने बुधवार को मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन अमेंडमेट बिल 2019 को स्वीकृति दे दी है और जल्द ही बिल संसद में पेश किया जाएगा। यह बिल वरिष्ठ नागरिकों को बुनियादी आवश्यकता को पूरा करने के साथ ही उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराएगा।

विधेयक में कहा गया है कि बुजुर्गों की देखरेख का जिम्मा केवल उनको बच्चों पर नहीं होगा बल्कि बेटा-बेटी, नाती-नातिन और पोता-पोती भी देखभाल के लिए कानून रूप से बाध्य होंगे। वरिष्ठ नागरिकों और परिजनों की कल्याण से सम्बंधित 2007 के बिल भी यह संशोधन किए जा रहे हैं। इसके अनुसार, परिवार में बच्चे अब केवल अपने माता-पिता ही नहीं बल्कि सास-ससुर के देखरेख को भी जिम्मेदार होंगे, भले ही वह सीनियर सिटीजन्स की श्रेणी में नहीं आते हों।

इस कानून का उल्लंघन करने वालों की जेल की सजा बढ़ाने का प्रावधान भी इस विधेयक में शामिल है जिसे तीन से बढ़ाकर छह महीने कर दिया गया है. यहां देखभाल शब्द को भी परिभाषित किया गया है जिसमें रहने की व्यवस्था और सुरक्षा देने को शामिल किया गया है। रखरखाव की राशि को वरिष्ठ नागरिक, परिजन, बच्चे और रिश्तेदारों की कमाई के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।

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