मदरलैंड संवाददाता, बेतिया
वामदलों द्वारा आहूत 5 मई मार्क्स जयंती पर राज्यव्यापी धरना सोशल डिस्टनसिंग को देखते हुए वर्षा के वावजूद भी व्यापक असर रहा ।कोरोना वायरस से जूझ रहा देश मोदी सरकार की गलत कदमों के चलते संकट में फंसता जा रहा है । यहीं कारण है कि आज देश में भूख की समस्या सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है । पलायन करने वाले मजदूरों के पास खाने को पैसे नहीं है । अगर आज वो अपने घर आ जाते हैं तो घर पर मां बाप के पास भी अब खाने को नहीं रह गया है ।केरल की वामपंथी सरकार के मुख्यमंत्री पी विजयन ने जिस तरीके से संघर्ष करके देश में प्रथम स्थान पर रहने वाले केरल को नियंत्रित कर लिया । उसी रास्ते को मोदी सरकार को अपनाने की जरूरत है । बिहार के मुख्यमंत्री ने हमारे जन प्रभावी मांगों से भयभीत हो ट्रेन का खर्च और मार्ग ब्यय देने की स्वीकारोक्ति दी है ।लेकिन सभी गरीबों को मुफ्त राशन अब तक नहीं मिला और नहीं प्रवासियों तक पैसे पहुंचे । झूठे वादा कर गरीबों को बरगलाना बंद किया जाय और ठोस कदम सरकार द्वारा उठाया जाय । शंख,थाली,घंटी, रौशनी, पुष्प वर्षा आदि पर पर खर्च हो रहे जनता के पैसों को राहत कार्य में खर्च किए जाते तो आज सब कुछ हार चुके प्रवासियों को सहायता देने के बदले उनसे भाड़े के पैसे की मांग जैसी शर्मनाक काम नहीं करनी पड़ती । आज के धरना के माध्यम से प्रधानमत्री जी से मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री केयर्स फंड से प्रवासी मजदुरों को घर वापसी की गारंटी, प्रवासी मृतक परिवारों को 20 लाख रुपए मुआवजा ,सभी परिवार को मुफ्त राशन और 10 हजार रुपए, सभी किसानों के कृषि कर्ज की माफी तथा पुन:खेती के लिए कर्ज ,खाद ,बीज , कृषि औजार सस्ते दर पर दिया जाय ।आंधी ,तूफान एवं ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुए फसलों का हर्जाना दिया जाय ।ईख के बकाए पैसे ब्याज सहित चीनी मिलों से अविलंब दिलाया जाय ।बेतिया में ग्रामीण तांगा चालक कल्याण संघ,राज देवड़ी के प्रांगण में धरना दिया गया ।जिसे सीपीएम के कार्यकारी जिला मंत्री,जिला कमिटी सदस्यों ने संबोधित किया ।