CJI रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली बेंच ने वायु प्रदूषण के मसले पर स्वत: संज्ञान लिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारे विचार में सरकार और अन्य हितधारकों द्वारा प्रदूषण की समस्या का निराकरण खोजने के लिए बहुत कम रचनात्मक प्रयास किए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को जापान की हाइड्रोजन आधारित ईंधन तकनीक की व्यवहार्यता पर रिपोर्ट बनाने को कहा है।
केंद्र को तीन दिसंबर तक का वक़्त
अदालत ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए केंद्र को तीन दिसंबर तक का वक़्त दिया है। उन्होंने कहा है कि पूरा उत्तर भारत और एनसीआर वायु प्रदूषण से पीड़ित है। इसी कारण देश के नागरिकों के हित में अदालत ने इस मामले में संज्ञान लिया है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि जापानी हाइड्रोजन आधारित ईंधन तकनीक की व्यवहार्यता का आंकलन करे।
वायु प्रदूषण की चिंताओं का समाधान
बता दें कि बुधवार को जापान के विशेषज्ञ शीर्ष अदालत के सामने उपस्थित हुए। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे हाइड्रोजन आधारित ईंधन तकनीक तैयार कर रहे हैं, जो भारत के वायु प्रदूषण की चिंताओं का समाधान कर सकती है। जापानी विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतियों पर विचार करने के लिए शीर्ष अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने सरकार को 3 दिसंबर तक जापान की हाइड्रोजन आधारित ईंधन तकनीक की व्यवहार्यता रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।