वॉशिंगटन। अमेरिका में हुए एक ताजा शोध में दावा किया गया है कि जिन लोगों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी है उनके इस महामारी से मरने की संभावना 52 फीसदी तक कम है। विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत सूरज है इसलिए इस विटामिन को ‘सनशाइन विटामिन’ भी कहते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि विटामिन डी हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे शरीर में सूजन भी दूर होती है। ये विशेषताएं इसे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी या सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती इस वायरस ने उसी इलाके में लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।हाल में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि इस वायरस का सबसे कम असर अफ्रीका महाद्वीप में देखा गया है। जबकि, सबसे ज्यादा प्रभाव यूरोप, एशिया और अमेरिका महाद्वीप में देखा गया है। माना जा रहा है कि अफ्रीकी लोगों के शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण कोरोना वायरस का ज्यादा असर नहीं हुआ है।बोस्टन यूनिवर्सिटी के डॉ माइकल होलिक ने अपने पुराने रिसर्च के जरिए पता लगाया था कि जिन लोगों में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में होता है, उन्हें कोरोनो वायरस से संक्रमित होने की संभावना भी बाकी लोगों के मुकाबले 54 प्रतिशत कम होती है। अब उनकी टीम ने एक नई रिसर्च में दावा किया है कि विटामिन डी से न केवल संक्रमित होने की संभावना कम होती है बल्कि इससे संक्रमितों के मरने की दर भी 52 फीसदी तक कम हो सकती है।रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका की लगभग 42 प्रतिशत आबादी में विटामिन डी की कमी है। इसी कारण अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण अबतक 208,652 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ब्रिटिश न्यूट्रिशन फाउंडेशन के अनुसार, ब्रिटेन में 20 प्रतिशत आबादी की कमी है। वहां अबतक 41,971 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। डॉ होलिक ने दावा किया कि इस रिसर्च ने प्रत्यक्ष प्रमाण प्रदान किया है कि विटामिन डी पर्याप्तता जटिलताओं को कम कर सकती है। इसके कारण साइटोकिन स्ट्रॉम और कोरोना वायरस से मौत की दर को कम किया जा सकता है। इसके लिए डॉ होलिक और उनकी टीम ने तेहरान में कोरोना संक्रमित 235 रोगियों के खून की जांच की थी। इनमें 67 प्रतिशत रोगियों में विटामिन डी की कमी पाई गई थी। बता दें ‎कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के मौत का आंकड़ा दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। इस घातक महामारी से दुनियाभर में अब तक 10 लाख के करीब लोगों की मौत हो चुकी है।

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