नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया है। वित्तमंत्री ने इटली की मेजबानी में जी20 की कर संगोष्ठी के वर्चुअल संबोधन में विश्व बिरादरी से वैकल्पिक ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ाने में सहयोग की अपील की। सीतारमण ने कहा, भारत में राजकोषीय नीति के विकल्पों को बेहतर पर्यावरणीय नतीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही कहा कि रियायती करों को अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इसमें वैश्विक आर्थिक सुधार के मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि लक्षित राजकोषीय राहत, मौद्रिक नीति और तेजी से टीकाकरण अभियान के चलते अर्थव्यवस्था ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से उबरकर सुधार के संकेत दिखाना शुरू कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि, ‘दूसरी लहर के प्रकोप को कम करने के लिए लाए गए व्यापक आर्थिक राहत पैकेज की राशि 6.29 लाख करोड़ रुपये थी। आरबीआई बाजार को सामान्य बनाए रखने, विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और कोरोना वायरस महामारी तथा लॉकडाउन के वित्तीय प्रभाव को कम करने के लिए पिछले महीने 6.29 लाख करोड़ रुपये के आठ आर्थिक उपायों की घोषणा की, जिनका मकसद आम लोगों के साथ ही व्यवसायों को राहत पहुंचाना था। इसके अलावा वित्त मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को राहत देने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा भी की।

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