वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से छह अरब डॉलर की वित्तीय सहायता की अपेक्षा कर रहा है और इसके बाद उसे दोबारा इस बहुपक्षीय संस्था के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के गवर्नर रजा बाकिर ने मंगलवार को यह दावा किया।
विदेशी मुद्रा का ऊंचा भंडार
बाकिर ने कहा कि IMF के साथ प्रतिबद्धता के तहत जो हालिया संरचनात्मक सुधार किए गए हैं, उनसे चरमराती अर्थव्यवस्था को समर्थन मिल रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि IMF से छह अरब डॉलर का लोन मिलने के बाद पाकिस्तान को दोबारा उसके पास (IMF) जाने की जरूरत नहीं होगी। एक अख़बार ने बाकिर के हवाले से लिखा है कि हमारा टारगेट विदेशी मुद्रा का ऊंचा भंडार बनाना है। उसके साथ हमें किसी अन्य ऋण कार्यक्रम के लिए IMF के पास दोबारा जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
39 माह के ऋण कार्यक्रम को स्वीकृति
IMF ने जुलाई में 39 माह के ऋण कार्यक्रम को स्वीकृति दी थी। उस समय छह अरब डॉलर के कुल ऋण कार्यक्रम में से 99.14 करोड़ डॉलर की पहली किस्त जारी कर दी गई थी। IMF के साथ वार्ता शुरू होने के वक़्त बाकिर को एसबीपी का प्रमुख नियुक्त किया गया था। उस वक़्त वह मिस्र में IMF प्रमुख के रूप में काम कर रहे थे।