नई दिल्ली । वित्त मंत्रालय, भारत सरकार अपने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों के लिए विशेष विंडो के तहत, 16 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों को दूसरी किश्त के रूप में 6000 करोड़ रुपये की राशि जारी करेगा। यह राशि 4.42 प्रतिशत भारित औसत ब्याज पर जुटाई गई थी। यह राशि इसी ब्याज दर पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रदान की जाएगी। यह दर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए ऋण की लागत से भी कम है। इस प्रकार राज्यों को लाभ मिल रहा है। वित्त मंत्रालय ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए विशेष विंडो के तहत अब तक 12,000 करोड़ रु की ऋण सुविधा उपलब्ध कराई है। अब तक 21 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों ने विकल्प – I के तहत विशेष विंडो का विकल्प चुना है। भारत सरकार द्वारा जुटाए गए ऋण जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के बदले में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को बैक-टू-बैक आधार पर जारी किए जाते हैं। ये ऋण निम्नलिखित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए हैं – आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली, जम्मू और कश्मीर तथा पुडुचेरी।

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