केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस वार्ता कर आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त जारी की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का फोकस मुख्य रूप से पशुपालन और मत्स्य पालन से सम्बंधित वर्ग पर रहा। इन वर्गों के लिए उन्होंने कई राहतों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज की घोषणाएं कृषि और इससे सम्बंधित गतिविधियों को लेकर हैं। भारत की आबादी कृषि पर निर्भर है। किसानों के कल्याण पर काम हो रहा है और बीते 5-6 साल में कई कदम उठाए गए हैं।

वित्त मंत्री ने कहा की लॉकडाउन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद के लिए सरकार द्वारा 74,300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्रधानमंत्री किसान फंड के तहत 18,700 करोड़ रुपये पिछले दो महीने में किसानों के अकाउंट में डाले गए हैं। उन्होंने कहा की कृषि आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे जिससे भंडारण क्षमता में इजाफा होगा। किसानों की भी आय बढ़ेगी। इसका लाभ किसान संघों, उद्यमियों और स्टार्ट अप को मिलेगा।

मत्स्य पालन के क्षेत्र में कोरोना की सभी चार घोषणाओं को लागू किया गया है। दो महीने मे 242 नई श्रिंप हैचरी (मछली के अंडों की उत्पत्तिशाला) को इजाजत दी गई। हर्बल उत्पादन के लिए 4 हजार करोड़ रुपये की योजना शुरू की गई है। 10 लाख हेक्टेयर यानि 25 लाख एकड़ में इसकी खेती की जा सकेगी। इससे 5000 करोड़ रुपये का फायदा किसानों को होगा। नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड ने 2.25 लाख हेक्टेयर जमीन इसके लिए दी है।

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