नई दिल्ली। एक ओर जहां पीएम मोदी अपनी कैबिनेट का विस्तार करेंगे, वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान में तालिबान पर प्रहार करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस की तीन दिन की यात्रा पर रवाना हो चुके हैं। तेहरान के रास्ते होते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस की राजधानी मास्को के लिए आज रहाना हुए। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम ही इस दौरे के मुख्य एजेंडे हैं। रूस दौरे के दौरान ही विदेश मंत्री का पड़ाव ईरान भी होगा, जहां वह तेहरान में सरकार के साथ आधिकारिक बैठक कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच वार्ता में कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई में सहयोग एवं अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श हो सकता है। सूत्रों ने यह भी बताया कि जयशंकर के दौरे का उद्देश्य वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारी करना और अफगानिस्तान में तेजी से उभरती परिस्थितियों पर चर्चा करना है। विदेश मंत्रालय की मानें तो रूस के साथ बातचीत में कोविड-19 महामारी से लड़ाई के खिलाफ सहयोग और विभिन्न क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। सात जुलाई से नौ जुलाई के दौरे में जयशंकर उप प्रधानमंत्री यूरी बोरीसोव से मुलाकात करेंगे जो भारत-रूस वाणिज्य, अर्थ, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी एवं सांस्कृतिक सहयोग पर अंतर सरकारी आयोग में उनके समकक्ष हैं। वह अंतरराष्ट्रीय मामलों पर स्टेट डूमा कमिटी के अध्यक्ष लियोनाद स्लत्सकी से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि जयशंकर मॉस्को में प्रतिष्ठित प्रीमाकोव इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड इकोनॉमी एंड इंटरनेशनल रिलेशंस में ‘बदलती दुनिया में भारत-रूस संबंध पर व्याख्यान भी देंगे। भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित हो गया था।

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