सरकार की मुहिम मुकदमेबाजी और विवादों में फंसे इनडायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू को करदाताओं के साथ सहमति बनाकर निकालने की कामयाबी की तरफ आगे बढ़ रही है। यह स्कीम ‘सबका विश्वास’ नाम से शुरू हुई है, अब तक 5,472 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा हो गयी है। वित्त मंत्रालय ने अधिकारियों से मुहिम की रफ्तार को तेज कर दिया है और 31 दिसंबर तक ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने को कहा गया है। विवादों में फंसे टैक्स रेवेन्यू को प्राप्त करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘सबका विश्वास’ स्कीम लांच की थी। इसके तहत अधिकारियों को करदाताओं से संपर्क कर उनके मुकदमों का सेटलमेंट करने को कहा गया था।
स्कीम 31 दिसंबर 2019 तक के लिए
इस दिशा में काम करने में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस स्कीम की प्रगति से संतुष्ट होकर अपने सभी प्रमुख आयुक्तों को ज्यादा से ज्यादा करदाताओं को इस स्कीम के दायरे में लाने को कहा है। ये स्कीम 31 दिसंबर 2019 तक के लिए है। इसलिए सूत्रों का बोलना है कि इस अवधि तक अधिक से अधिक करदाताओं को इसके दायरे में लाने का प्रयास कीया जा रहा है। सभी अधिकारियों से कहा गया है कि 31 दिसंबर से पूर्व सभी 1.83 लाख करदाताओं से संपर्क कायम करने की कोशिश करें। इसके लिए अधिकारियों से अपने प्रयासों में तेजी लाने को कहा गया है।
करदाता मुकदमेबाजी में नहीं उलझना चाहते..
अधिकारियों का कहना है कि अभी तक के रिस्पांस से सिर्फ यह स्पष्ट है कि करदाता स्वयं भी अधिक वक्त तक मुकदमेबाजी में उलझे नहीं रहना चाह रहे है। इसलिए स्कीम के तहत मिल रही छूट का फायदा उठाकर राहत पाने के इच्छा हैं। स्कीम शुरू करते समय सरकार के 1.83 लाख मामलों में 3.6 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए थे। स्कीम के तहत 50 लाख रुपये और इससे कम के मामलों में 70 परसेंट तक की राहत देने का प्रावधान मिला है। 50 लाख रुपये से अधिक की राशि पर राहत की दर 50 परसेंट रखी गई है। यह राहत उन लंबित मामलों के लिए है जिनमें करदाता 30 जून, 2019 तक ड्यूटी की राशि स्वीकार कर चुके हैं। सभी अधिकारियों से बोला गया है कि 31 दिसंबर से पूर्व सभी 1.83 लाख करदाताओं से संपर्क कायम करने की कोशिश जारी रखे।