केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को वाराणसी में एक चुनावी रैली में कहा है कि यदि वीर सावरकर नहीं होते तो 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इतिहास में दर्ज नहीं हो पाता। दरअसल, भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपने मैनिफेस्टो में कहा था कि पार्टी सावरकर को भारत रत्न दिलवाने के लिए सिफारिश करेगी।
इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने सावरकर को गांधीजी की हत्या की साजिश रचने वाला करार दिया था। शाह ने वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कांग्रेस के इन्ही बयानों का उत्तर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमित शाह ने कहा कि, अगर सावरकर नहीं होते तो हम 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को अंग्रेजों के दृष्टिकोण से देख रहे होते। वीर सावरकर ही वह शख्स थे, जिन्होंने 1857 की क्रांति को पहले स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया था।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सावरकर के ऊपर महात्मा गाँधी की हत्या में शामिल होने का आरोप था। वहीं कांग्रेस के ही मनीष तिवारी ने तंज कसते हुए कहा था कि भाजपा सावरकर को ही क्यों भारत रत्न देना चाहती है, गोडसे को क्यों नहीं?