•  कभी ‘लाल ग्रह’ पर मौजूद थे समुद्र और नदियां

वॉशिंगटन। नासा के वैज्ञा‎निकों ने मंगल ग्रह का पहला नक्शा तैयार कर लिया गया है। मंगल पर 2018 में उतरी नासा की ‘इनसाइट’ जांच का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने लैंडर के उपकरणों में से एक का इस्तेमाल करके मंगल का एक नया नक्शा बनाने में कामयाबी हासिल की है। ज्यूरिख में स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के भूभौतिकीविद् सेड्रिक श्मेल्ज़बैक ने स्पेश.कॉम को बताया कि हमने एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जो यहां पृथ्वी पर विकसित की गई है। इसकी मदद से भूकंप के जोखिम के लिए स्थानों को चिह्नित करने और उपसतह संरचना का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। यह तकनीक ‘व्यापक कंपन’ पर आधारित है। नया नक्शा जो अभी तक जारी नहीं किया गया है, ग्रह के संभावित विकास के सात अरब वर्षों पर एक नजर डालता है। नक्शा गहरी तलछट की अनदेखी परतों साथ ही ठोस लावा के मोटे जमाव को दिखाता है जो धूल की 10 फीट मोटी परत में ढका हुआ है।
माना जाता है कि तलछट की परत सतह से लगभग 230 फीट नीचे है, जिसके दोनों ओर प्राचीन लेव की एक परत है। श्मेल्ज़बैक ने कहा कि हम अभी भी इस बात पर काम कर रहे हैं कि इसकी व्याख्या कैसे की जाए। उन्होंने कहा कि हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह परत कितनी पुरानी है, लेकिन यह हमें दिखाता है कि उस साइट पर भूवैज्ञानिक इतिहास वास्तव में उससे कहीं अधिक जटिल है, जितना हमने मूल रूप से सोचा था। यह आशा की जाती है कि यह नई तकनीक वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के बारे में और ज्यादा जानने में मदद करेगी। संभावित रूप से अब यह जानना आसान होगा कि ग्रह की सतह के कुछ मील क्या है। इसी तकनीक का उपयोग करने वाले पिछले अध्ययनों से पता चला है कि मंगल पर कभी विशाल महासागर और नदियां होती थीं। बता दें ‎कि मंगल की सतह पर ऊपरी जांच करने के साथ-साथ वैज्ञानिकों ने उसकी गहराई में दिलचस्पी दिखाई है।

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