अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद  खेल को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के प्रयास में लगी है। इसी के तहत टी20 विश्व कप में 20 टीमों को शामिल किये जाने पर विचार चल रहा है हालांकि इन टीमों को 2024 विश्व कप में ही जगह मिलेगी। आईसीसी की योजना के अनुसार 2024 में होने वाले टूर्नामेंट के पहले चरण में पांच टीमों को चार अलग-अलग समूहों में रखा जाएगा। हर समूह में एक या दो मजबूत टीमें हो सकती हैं। इसके अलावा कमजोर टीमों के लिए क्वॉलिफायर राउंड रखा जा सकता है। वहीं इस साल भारत में होने वाले टी20 विश्व कप में 16 टीमें ही हिस्सा लेंगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईसीसी काफी समय से टी20 प्रारुप को क्रिकेट के विस्तार के जरिए के रूप में देख रहा है। इसे लेकर पहले भी चर्चाएं होती रही है। आईसीसी ने पहले ही महिला क्रिकेट टूर्नामेंट में टीमों की संख्या बढ़ाने की अपनी योजना की पुष्टि कर दी है। ऐसा नहीं है कि आईसीसी सिर्फ टी20 प्रारुप के जरिए ही खेल को लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहा है। उसका प्रयास है कि एकदिवसीय क्रिकेट को ज्यादा से ज्यादा देशों तक पहुंचाया जाए। इसके लिए एकदिवसीय विश्व कप में भी टीमों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है। अगर सब ठीक रहा, तो साल 2023 के बाद होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में 10 की बजाए अब 14 देश भाग लेंगे। 2019 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में 10 टीमों ने ही हिस्सा लिया था। वहीं सदस्य होने के बाद भी जिम्बाब्वे और आयरलैंड जैसे देश इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं थे। आईसीसी के इस कदम को ओलिंपिक में क्रिकेट की हिस्सेदारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए ये आईसीसी का बड़ा कदम होगा क्योंकि गत कुछ सालों को अगर देखें, तो हर एकदिवसीय विश्वकप में टीमों की संख्या बढ़ने घटती गई है। 2007 के विश्व कप में 16 देशों ने हिस्सा लिया था.। इसमें 10 फुल सदस्य और 6 एसोसिएट सदस्य थे हालांकि, 2011 और 2015 में टीमों की संख्या घटकर 14 हो गई और 2019 के विश्वकप में 10 देशों ने ही हिस्सा लिया था। इसके पीछे उसका यही तर्क था कि प्रसारक नहीं चाहते थे कि कमजोर टीमों को शामिल करने के कारण टूर्नामेंट में ज्यादा एकतरफा मुकाबले हों। इसलिए वो फॉर्मेट को छोटा रखना चाहते थे।
वहीं आईसीसी और सदस्य देशों के बीच इसे लेकर बेहतर समझ बनी है कि खेल को बढ़ावा देने और उससे पैदा होने वाले राजस्व के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। हाल ही में आईसीसी की चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में इन सभी विषयों पर चर्चा हुई थी हालांकि, कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। इससे ओलिंपिक में क्रिकेट के शामिल होने का रास्ता भी साफ होगा और खेलों के महाकुंभ में क्रिकेट के शामिल होने से खेल को ग्लोबली पहचान मिलेगी और राजस्व के नए रास्ते भी खुलेंगे। ऐसे में साल 2032 के ओलिंपिक में में क्रिकेट को शामिल किया जा सकता है हालांकि, इसमें कितनी टीमें हिस्सा लेंगी और इसका स्वरूप कैसा होगा। इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है टी10 फॉर्मेट पर कई देश जोर दे रहे हैं क्योंकि इससे ज्यादा से ज्यादा देश शामिल हो सकेंगे और कम समय में ओलिंपिक में क्रिकेट इवेंट पूरा कराया जा सकेगा।

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