शारदा चिटफंड घोटाले में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को अदालत ने बड़ी राहत देते हुए उनकी अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि राजीव कुमार को सीबीआई (CBI) के साथ सहयोग करना होगा और जब बुलाया जाएगा तब हाजिर होना होगा। अदालत ने निर्देश दिया कि सीबीआई को उपस्थिति के 48 घंटे पूर्व नोटिस देना होगा।
राजीव कुमार पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप
इससे पहले पश्चिम बंगाल की एक कोर्ट ने शनिवार को IPS राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शारदा घोटाले की जांच के लिए 2013 में ममता बनर्जी सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) का नेतृत्व करने वाले राजीव कुमार पर इस मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का इल्जाम है। शीर्ष अदालत ने मई 2014 में इस मामले को सीबीआई (CBI) को सौंप दिया था।
घर पर पहुंची थी सीबीआई की टीम..
इससे पहले 22 सितम्बर को शारदा चिटफंड घोटाला मामले में सबूतों को मिटाने के आरोपित एवं कोलकाता पुलिस के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार के घर पर सीबीआई की टीम पहुंची थी। 34 नंबर पार्क स्ट्रीट स्थित कुमार के घर पर दोपहर को सीबीआई के अधिकारी पहुंचे थे। वहां राजीव कुमार की पत्नी संचिता कुमार से सीबीआई की टीम ने पूछताछ की थी, लेकिन उस समय राजीव कुमार वहां मौजूद नहीं थे।