शाहीन बाग में डेढ़ महीने से चल रहे धरने के कारण पूरी दिल्ली-एनसीआर के लोग परेशान हैं। शाहीन बाग में यह विरोध नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को चल रहा है। वहीं, यह सड़क बंद होने के कारण शाहीन बाग व आसपास के लोगों को भी परेशानी होने लगी है। इसलिए अब ये लोग भी दो गुटों में बंट गए हैं। यह गुटबाजी बृहस्पतिवार देर रात उस वक्त दिखी जब दोनों गुटों के लोग स्टेज पर कहासुनी करने लगे।

मीडिया में यह ब्रेकिंग न्यूज चलते ही 11 बजे तक कई मीडियाकर्मी धरनास्थल पहुंच गए। लेकिन, वहां जाने पर मीडियाकर्मियों को बताया गया कि यहां पर कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं है। जबकि एक पक्ष के लोग मीडियाकर्मियों से बात करना चाहते थे। इसी बात पर वहां दोनों पक्षों के लोग स्टेज पर चढ़ गए और आपस में तू-तू मैं-मैं करने लगे। स्टेज पर धक्कामुक्की व शोर सुनकर मीडियाकर्मियों ने वीडियो व फोटो शूट करना शुरू किया तो ये लोग थोड़ी देर के लिए शांत हो गए। हालांकि इस घटना से यह भी उजागर हो गया कि धरना दे रहे लोगों में फूट पड़ गई है।

बता दे ​कि दूसरे पक्ष को लगा कि शायद पहले पक्ष के लोग प्रेस कांफ्रेंस में धरना समाप्त करने का ऐलान कर सकते हैं। इसलिए दूसरे पक्ष के लोगों ने इसकी अनुमति नहीं दी और मीडिया को वापस भेज दिया। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी शाहीन बाग मुख्य मुद्दा बन गया है। रैलियों के माध्यम से भाजपा, कांग्रेस और आप इसको लेकर एक दूसरे पर हमला करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। जामिया गोलीकांड के विरोध में बृहस्पतिवार रात पुलिस मुख्यालय के बाहर जुटे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों को सुबह आठ बजे करीब हटा दिया गया। प्रदर्शनकारियों को हटाने के दौरान कुछ छात्रों को हिरासत में भी लिया गया हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। इसके बाद विकास मार्ग को खोल दिया गया। गौरतलब है कि जामिया इलाके में एक नाबालिग युवक द्वारा गोली चलाने से घायल हुए जामिया के छात्र के बाद जेएनयू के कुछ छात्र पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन के लिए जुट गए थे।

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