वॉशिंगटन। वैज्ञा‎निकों की माने तो शुक्र ग्रह पर सबसे लंबा ‎‎दिन होता है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में शुक्र की धुरी और उसकी अंदरूनी कोर के साइज को भी नापा गया है। इससे ‘धरती के जुड़वा’ ग्रह के बारे में गहराई से जानने का मौका मिला है। स्टडी में पाया गया है कि शुक्र एक चक्कर धरती के 243.0226 दिन के बराबर समय में पूरा करता है। यानी कि यहां एक दिन करीब एक साल के बराबर होता है। यह सूरज का एक चक्कर 225 दिन में पूरा करता है रिसर्चर्स ने 2006 से 2020 के बीच 21 बार रेडियो वेव शुक्र को भेजीं। मोहावे रेगिस्तान में नासा के गोल्डस्टोन ऐंटेना से भेजी गईं वेव से पैदा हुई गूंज को स्टडी किया गया और इससे कई जानकारियां मिलीं। यूसीएलए प्लैनेटरी ऐस्ट्रोनॉमर जीन लू मार्गो ने बताया कि शुक्र पर फ्लैशलाइट की तरह वेव फेंकी गईं और धरती ऑब्जर्व किए गए इनके रिफ्लेक्शन को स्टडी किया गया। नए डेटा से पता चला है कि शुक्र की कोर का व्यास 4,360 मील है। इससे पहले कोर से जुड़ी जानकारी कंप्यूटर मॉडल के आधार पर थी, ऑब्जर्वेशन से नहीं। इसकी कोर में लोहा और निकेल होने की संभावना है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि यह ठोस है या पिघला। यह अपनी धुरी पर सीधे घूमता है जबकि धरती कुछ झुकी हुई है। इसका वायुमंडल मोटा और जहरीला है। इसमें कार्बन डायऑक्साइड और सल्फ्यूरिक एसिड है। इसका तापमान 880 डिग्री फाहरेनहाइट तक होता है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है। उन्होंने बताया कि ग्रहों के बनने और विकसित होने को समझने के लिए शुक्र एक बेहतरीन लैब है। गैलेक्सी में शुक्र जैसे अरबों ग्रह हो सकते हैं।

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