कैनबेरा। शोधकर्ताओं ने अंतरिक्ष में जेलीफिश देखी है। दरअसल यह असली की नहीं है बल्कि प्लाज्मा से बनी हुई है। धरती से देखे जाने पर यह चांद की एक-तिहाई है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में मरचिनसन वाइडफील्ड ऐरे (एमडब्ल्यूए) टेलिस्कोप की मदद से ऑस्ट्रेलिया-इटली की टीम ने एबैल2877 गैलेक्सी क्लस्टर को ऑब्जर्व दिया और 12 घंटे बाद उन्हें जेलीफिश जैसा फीचर दिखा। उन्होंने डेटा की मदद से ये स्ट्रक्चर तैयार किया। सवाल यह है कि यह आकृति बनी कैसे?
यह स्पेस जेलीफिश प्लाज्मा के जेट्स से बनी है जो दो अरब प्रकाशवर्ष दूर महाविशाल ब्लैक होल्स से निकल रहे थे। यह प्लाज्मा फेड हो गया था और इनसे शॉक वेव निकलने से फिर से जल उठा। इसकी वजह से यह धरती से देखे जाने पर जेलीफिश सा दिखा। इसके अलावा भी यह आकृति बेहद खास है क्योंकि यह आम एफएम रेडियो फ्रीक्वेंसी पर चमकदार है लेकिन 200 मेगाहर्ट्ज पर यह गायब हो जाती है। इस तरह किसी एक्स्ट्रा गैलेक्टिक एमिशन को इतनी तेजी से गायब होते नहीं देखा गया। इसी कारण इस जेलीफिश को सिर्फ कम फ्रीक्वेंसी के रेडियो टेलिस्कोप्स से देखा जा सकता है क्योंकि ज्यादातर रेडियो टेलिस्कोप अपने डिजाइन या लोकेशन की वजह से ऐसे ऑब्जर्वेशन रिकॉर्ड नहीं कर पाते हैं। एमडब्ल्यूए से यह देखा जा सका है और माना जा रहा है कि स्क्वेयर किलोमीटर ऐरे (एसकेए) टेलिस्कोप और ज्यादा आसानी और डीटेल के साथ ऐसे नजारे देख सकेगा। यह एमडब्ल्यूए से ज्यादा संवेदनशील होगा और इसका रेजॉलूशन भी बेहतर होगा।

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