नई दिल्ली। कोहरे के मौसम में भी अब वस्तुओं के स्पष्ट चित्र लेना (इमेजिंग) सम्भव है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसा तरीका खोजा है जो ऐसे दिनों में खींची गई तस्वीरों को बेहतर बना सकता है। तकनीक में प्रकाश के स्रोत को संशोधित करने के बाद उन्हें पर्यवेक्षक के पास उन्हें डिमॉड्युलेट करना शामिल हैी वैज्ञानिकों लंबे समय से परिणामी डेटा को संसाधित करने और छवियों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए विसरण की भौतिकी और कंप्यूटर एल्गोरिदम का उपयोग करने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि कुछ मामलों में उतनी स्पष्टता नहीं मिली है इसके बावजूद कंप्यूटर एल्गोरिदम के बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित करने की आवश्यकता होती है और इसके लिए पर्याप्त भंडारण की सुविधा और प्रसंस्करण के लिए महत्वपूर्ण समय आवश्यक है। एक टीम द्वारा अनुसंधान ने भारी गणनाओं के बिना छवि गुणवत्ता में सुधार के लिए एक समाधान की पेशकश की है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, रमन अनुसंधान संस्थान (आरआरआई), बेंगलुरु की टीम; अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, अहमदाबाद; शिव नादर विश्वविद्यालय, गौतम बुद्ध नगर; और यूनिवर्सिटी रीन्स एवं यूनिवर्सिटी पेरिस -सैक़ले , सीेएन आरएस, फ़्रांस ने प्रकाश स्रोत को संशोधित किया और अधिक सुष्पष्ट चित्रों (छवियों) को प्राप्त करने के बाद उन्हें डिमोड्युलेट करके पर्यवेक्षक के पास भेजा I यह शोध ‘ओएसए कॉन्टिनम’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। शोधकर्ताओं ने शिव नादर विश्वविद्यालय, गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में सर्दियों के मौसम में कोहरे वाली सुबह इस प्रौद्योगिकी के व्यापक प्रयोग करके का प्रदर्शन किया है। उन्होंने प्रकाश के स्रोत के रूप में दस लाल एलईडी लाइटों को चुना। फिर, उन्होंने एलईडी के लिए प्रयुक्त होने वाली विद्युत् धारा को लगभग 15 चक्र प्रति सेकंड की दर से प्रवाहित करके और आवृत्ति बदल-बदल कर प्रकाश के इस स्रोत को संशोधित किया।

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