लंदन। मुर्गे खाने के शौकीनों और पोल्ट्री इंडस्ट्री को जीवित रखने के वैज्ञानिक स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुर्गों में एच5एन1 न फैले इसके लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग का रोजलिन इंस्टीट्यूट 2019 से लगातार प्रयास कर रहा है। दोनों संस्थानों के वैज्ञानिकों ने बर्ड फ्लू रोकने के लिए एक प्रयोग के जरिए पोल्ट्री के मुर्गे और मुर्गियों के जीन्स से वे मॉलिक्यूल्स ही बाहर निकाल दिए जो बर्ड फ्लू का कारण बनते हैं। वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग करने के बाद दावा किया है कि विश्वभर के पोल्ट्री फार्मों में बर्ड फ्लू रहित मुर्गे और मुर्गियों को जन्म दिया जा सकता है। जिनका चिकन और अंडे खाना बिल्कुल सेफ होगा। जानकारी के मुताबिक इस प्रयोग पर ट्रायल जारी हैं। यह प्रयोग बड़े स्तर पर सफल होता है, तो जहां विश्व भर के खरबों के पोल्ट्री उद्योगपति राहत की सांस लेंगे, वहीं पोल्ट्री उत्पादों के शैकीनों का बर्ड फ्लू से हमेशा के लिए डर समाप्त हो जाएगा।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि मुर्गे और मुर्गियों में एएनपी32ए एक मॉलिक्यूल है, जो इनमें वायरस को जन्म देता है। उन्होंने समझा की इस मॉलिक्यूल को बर्ड फ्लू वायरस अपहरण कर लेता है और खुद का विस्तार करता है। रोजलिन इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के साथ शोधकर्ताओं ने एएनपी32ए के उत्पादन के लिए जिम्मेदार डीएनए के हिस्से को हटाने के लिए जीन-एडिटिंग तकनीक का उपयोग किया।
इस तकनीक से उन्होंने एएनपी32ए को डीएनए से अलग कर दिया है। ऐसा करने के बाद शोधकर्ताओं ने पाया है कि वायरस डीएनए में किए गए बदलाव के बाद मुर्गे मुर्गियों की कोशिकाओं में प्रवेश करने में असमर्थ था। वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की यह टीम अब आनुवंशिक परिवर्तन के साथ मुर्गियों का उत्पादन करने की कोशिश कर रही है। अध्ययन यूके सरकार के जैव प्रौद्योगिकी और जैविक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा फाइनेंस किया गया था। पीएचडी छात्रों को फाइनेंस वैश्विक पोल्ट्री अनुसंधान कंपनी कोब-वैंट्रेस द्वारा प्रदान किया गया था।
बर्डफ्लू का वायरस जंगली चिड़ियों और मुर्गियों में बहुत तेजी से फैलता है और कई बार इंसानों तक पहुंच जाता है। दुनिया में इस तरह फैलने वाली संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ बर्डफ्लू के इंसानों तक पहुंचने के खतरे से बहुत चिंतित हैं। वैश्विक स्वास्थ्य और संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने इसे अपनी सबसे बड़ी चिंताओं में से एक के रूप में परिभाषित किया है, क्योंकि यह बहुत आसानी से हवा पर सवार हो कर इंसानों तक पहुंच जाता है और फिर एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने लगता है। बर्ड फ्लू के कारण होने वाली मानव फ्लू महामारी की आशंका जो अचानक ही मनुष्यों के लिए घातक तथा जानलेवा हो सकती है आसानी से लोगों के बीच प्रवेश कर सकती है।
#savegajraj

Previous articleनाथन लियोन ने कहा, रिषभ पंत हमेशा मुझे मारने की कोशिश करता
Next articleअगले 100 दिनों में हर देश में होगा कोविड टीकाकरण : डब्ल्यूएचओ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here