नई दिल्ली। नौ साल की बच्ची से कथित गैंगरेप के बाद जिंदा जलाने के मामले में दिल्ली कैंट पुरानी नांगल इलाके के श्मशान घाट में 1 अगस्त की रात को मौके से आरोपियों से लिए गए सैंपल जांच के ‎लिए अभी तक फरेंसिक साइंस लैब तक नहीं पहुंचे हैं। जबकि इस मामले में पुलिस यह दावा कर रही थी कि मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दायर कर केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की अपील की जाएगी, ताकि मामले में जल्द से जल्द फैसला आ सके। एफएसएल के मुता‎बिक अभी तक हमारी किसी भी टीम के पास कोई सैंपल नहीं पहुंचा है। जबकि वारदात की पहली रात हमारी टीम ने ही घटनास्थल का ‎निरीक्षण किया था। अब हमें नहीं पता कि क्या पुलिस एफएसएल टीम से ही इसकी जांच कराएगी या किसी और लैब में सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे, लेकिन यह तय है कि घटना के पहले रोज मौके से उठाई बेडशीट, जलते शव को बुझाने के बाद मौके से मिली राख के दो सैंपल और अन्य सैंपल को लैब की टीम साउथ-वेस्ट जिला पुलिस दिल्ली कैंट थाना के अधिकारियों को हैंडओवर कर आई थी, ताकि वह सैंपल प्रॉपर चैनल से फरेंसिक साइंस लैब तक आ सकें, लेकिन खबर लिखे जाने तक सैंपल लैब तक नहीं पहुंचे हैं।
मौके से उठाई गई राख से यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या शव को जल्दी जलाने के लिए पेट्रोल, मिट्टी का तेल या किसी तरह का कोई अन्य ज्वलनशील पदार्थ तो इस्तेमाल नहीं किया गया। साउथ-वेस्ट दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि हमारी ओर से सैंपल और अन्य दस्तावेज क्राइम ब्रांच को सौंप दिए गए हैं। इस बारे में अब आगे की कार्रवाई क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी ही बता सकते हैं। मामले में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिल पाया। जब रोहिणी स्थित फरेंसिक साइंस लैब के सूत्रों से बात की गई, तो वहां से पता लगा कि अभी तक उनके पास कोई सैंपल नहीं पहुंचा है। ना रोहिणी और ना ही हमारी किसी डिस्ट्रिक्ट टीम के पास।
‎‎विशेषज्ञ का यह भी कहना है कि उन्हें नहीं पता कि पुलिस ने यह किया या नहीं। गिरफ्तार चारों मुलजिमों की पूरी मेडिकल जांच करानी चाहिए थी। उनके इंटरनल पार्टस और अन्य जांच होनी चाहिए क्योंकि बच्ची के बरामद शव के हिस्सों में कुछ दांत भी मिले हैं। डीएनए जांच से भी काफी चीजें पता लगाई जा सकती हैं। अगर कोई मजबूत सबूत नहीं मिलता है तो आरोपियों के लाई डिटेक्टर या नार्को टेस्ट कराए जा सकते हैं। जिला पुलिस ने बताया कि अभी तक बच्ची के बरामद पैर बच्ची के माता-पिता ने नहीं लिए हैं। कोशिश की जा रही है कि वह उन्हें लेकर उनका अंतिम संस्कार कर दें। उम्मीद है कि एक-दो दिनों में यह मसला सुलझ जाएगा। साथ ही प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अभी एक ओर की सड़क नहीं खोली है।

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